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India Daily

बजट के खिलाफ बोल रहे थे लोग, भड़क गए 'चचा जान,' भड़का बवाल

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश कर दिया है. इस बजट में आधी से ज्यादा चीजों को समझने से पहले लोग उन बातों को जानते या समझते हैं जिनसे उनका सीधा सरोकार होता है. ऐसे में ग्राउंड जीरो पर जाकर लोगों से पूछना और समझना बहुत जरूरी होता है कि वे इस बजट को कैसे देखते हैं. इसी कड़ी में की टीम पहुंच गई पब्लिक ओपिनियन के लिए चाय की टपरी से लेकर, भीड़ भाड़ वाले बाजारों में. 

एक दुकानदार ने कहा, 'सरकार की सारी नीतियां बिल्कुल ठीक है, इस बजट में सभी वर्गों के लिए बहुत सी सुविधाएं दी जा रही है. विपक्षियों ने इमरजेंसी लगवाई गौ हत्या करवाई, अगर वो बजट का विरोध कर रहे हैं तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. उनको कुर्सी का खेल, पैसों का लूट चाहिए, इस समय हमारे देश की अर्थव्यवस्था पांचवें स्थान पर है, जब मनमोहन सिंह देश के पीएम थे तब 12वें स्थान पर थी. तो इंडिया इस समय आगे बढ़ रहा है या उस समय? इस पर विपक्षियों को सोचना चाहिए. इस समय अगर कोई सबसे ज्यादा सुखी है तो वह है किसान, राकेश टिकैत किसान नहीं बल्कि किसानों के दलाल है. टिकैत कांग्रेस और अखिलेश के इशारों पर राजनीति कर रहे हैं'.

वहीं कुछ लोगों ने इस बजट पर नाराजगी जताते हुए कहा, 'बजट में आम आदमी के लिए क्या है, कुछ भी नहीं है...मुझे नहीं लगता इस बजट में सरकार ने युवाओं पर फोकस किया है'. देखिए पूरा वीडियो