काले रंग के कोयले को जब जलाया जाताा है तो इसका रंग लाल हो जाता है. इसके साथ ही जब इसका धुआं निकलता है तो उसका रंग सफेद होता है. कोयले को जब जलाया जाता है और वह अगर हल्का गीला होता है तो निकलने वाले धुएं का रंग सफेद होता है. कोयले को जलाने पर सल्फाइड उत्पन्न होता है, जिस कारण धुएं का रंग सफेद होता है. यह पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक भी होता है.
कोयला कार्बन होता है और जब कार्बन को जलाया जाता हो तो यह लाल रंग का हो जाता है. इस कारण कोयले को जलाने पर इसका रंग लाल हो जाता है. अगर आग अच्छी आग है तो धुएं का रंग पतला और काला होता है. वहीं गीला है कोयला तो सफेद रंग का धुआं हो जाता है. कोयला, पराली और कच्ची लकड़ियां जलाना पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक होता है, क्योंकि इनमें सल्फाइड होता है और सफेद धुआं बनता है. इस धुएं के चलते पर्यावरण प्रदूषित हो जाता है.