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क्या आप भी भरते हैं 5 लाख रुपए सालाना से अधिक इंश्योरेंस प्रीमियम? तो पढ़ लें टैक्स को लेकर नये नियम

आयकर विभाग ने 5 लाख रुपए सालाना प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी से प्राप्त होने वाली आय की गणना के लिए नियम तय कर दिये हैं.

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Sagar Bhardwaj
क्या आप भी भरते हैं 5 लाख रुपए सालाना से अधिक इंश्योरेंस प्रीमियम? तो पढ़ लें टैक्स को लेकर  नये नियम

नई दिल्ली: आयकर विभाग ने 5 लाख रुपए सालाना प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी से प्राप्त होने वाली आय की गणना के लिए नियम तय कर दिये हैं. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर अधिनियम 23 में 16वें संशोधन को नोटिफाई किया है.

5 लाख से अधिक जीवन बीमा प्रीमियम पर नये नियम लागू

जीवन बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी पर प्राप्त राशि के संबंध में आय की गणना के लिए नियम 11 यूएसीए निर्धारित किया गया है. यह प्रावधान उन बीमा पॉलिसी के लिए हैं जिनका सालाना प्रीमियम 5 लाख से अधिक है और ऐसी पॉलिसी 1 अप्रैल 2023 या उसके बाद भी जारी की गई हैं.

संशोधन के अनुसार,  1 अप्रैल 2023 को या उसके बाद जारी की गई पॉलिसी के लिए धारा 10 (10D) के तहत मैच्योरिटी लाभ पर कर छूट केवल तभी लागू होगी जब किसी व्यक्ति की तरह से भुगतान किया गया कुल प्रीमियम 5 लाख रुपए सालाना तक हो.

इस सीमा से अधिक प्रीमियम के लिए प्राप्त राशि को आय में जोड़ा जाएगा और लागू दर के हिसाब से टैक्स लगाया जाएगा. एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के संयुक्त भागीदार (कॉरपोरेट एंट इंटरनेशनल टैक्स) ओम राजपुरोहित ने कहा कि इस फॉर्मूले के अनुसार, मैच्योरिटी पर प्राप्त किसी भी राशि पर अन्य स्रोतों से आय की श्रेणी के तहत टैक्स लगेगा. हालांकि बीमाधारक की मृत्यु पर प्राप्त मैच्योरिटी रकम के लिए टैक्सेशन में कोई बदलाव नहीं किया गया है और वह रकम पहले की तरह ही टैक्स फ्री होगी.

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