Income Tax Demand: बजट में की गई घोषणा के अनुसार, आयकर विभाग ने छोटी कर मांगों को वापस लेने को लेकर बजट में की गई घोषणा के तहत प्रति करदाता 1 लाख रुपए तक की सीमा निर्धारित की है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 की बजट घोषणा को प्रभावी करते हुए इस बाबत एक आदेश जारी किया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने अपने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए 25,000 रुपे तक की डायरेक्ट टैक्स डिमांड और 2010-11 से लेकर 2014-15 तक 10,000 रुपए तक के लिए बकाए इनकम टैक्स डिमांग को वापस लेने का ऐलान किया था. इसमें शामिल कुल टैक्स डिमांड करीब 3,500 करोड़ रुपए है.
प्रति टैक्सपेयर 1 लाख रुपए की सीमा तय
सीबीडीटी ने अपने आदेश में कहा कि 31 जनवरी 2024 तक आयकर, संपत्ति कर और गिफ्ट टैक्स से संबंधित ऐसी बकाया कर मांगों को माफ करने को लेकर प्रति करदाता के लिए एक लाख रुपए तक की अधिकतम सीमा तय की गई है.
इस 1 लाख रुपए की सीमा में कर की मूल राशि, ब्याज, जुर्माना, सेस और सरचार्ज शामिल है. हालांकि, आईटी एक्ट के टीडीएस या टीसीएस प्रावधानों के तहत कर कटौतीकर्ताओं या कर संग्रहकर्ताओं के खिलाफ उठाई गई मांगों पर यह छूट लागू नहीं होगी.
1.11 टैक्सपेयर्स को होगा फायदा
नांगिया एंडरसन इंडिया के पार्टनर मनीष बावा ने कहा कि सीबीडीटी का निर्देश यह स्पष्ट करता है कि यह छूट टैक्सपेयर्स को क्रेडिट या रिफंड के किसी भी दावे का अधिकार नहीं देता है. इसके अतिरिक्त, छूट करदाता के खिलाफ चल रही, नियोजित या संभावित आपराधिक कानूनी कार्यवाही को प्रभावित नहीं करेगी और किसी भी कानून के तहत कोई प्रतिरक्षा प्रदान नहीं करती करेगी. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि ऐसी करीब 1.11 करोड़ विवादित टैक्स डिमांड हैं.
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