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HDFC बैंक ने मंहगा किया लोन, 3 महीने की अवधि पर ब्याज दरें बढ़ाईं

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2016 में तत्कालीन प्रचलित आधार दर प्रणाली की जगह एमसीएलआर का उपयोग शुरू किया था. एमसीएलआर बैंकों को गृह ऋण, व्यवसाय ऋण, व्यक्तिगत ऋण और अन्य सहित विभिन्न प्रकार के ऋणों के लिए ब्याज दरें निर्धारित करने में मदद करता है.

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HDFC Bank
Courtesy: Social Medai

एचडीएफसी बैंक ने ग्राहकों को झटका दिया है. बैंक से लोन लेना अब आपको महंगा पड़ेगा. देश में प्राइवेट सेक्टर के इस सबसे बड़े बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स में बदलाव किया है. बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक बैंक ने ब्याज दरों में 5 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की है. एचडीएफसी बैंक की एमसीएलआर 9.10 से 9.45 फीसदी के बीच है. नई रेट शनिवार से लागू हो गई है. 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2016 में तत्कालीन प्रचलित आधार दर प्रणाली की जगह एमसीएलआर का उपयोग शुरू किया था. एमसीएलआर बैंकों को गृह ऋण, व्यवसाय ऋण, व्यक्तिगत ऋण और अन्य सहित विभिन्न प्रकार के ऋणों के लिए ब्याज दरें निर्धारित करने में मदद करता है. केवल 3 महीने की अवधि की लोन दर को 5 आधार अंकों से संशोधित कर 9.25% से 9.30% कर दिया गया है. बाकी सभी दरें समान रहेंगी.

एचडीएफसी होम लोन की ब्याज दर क्या है?

एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के अनुसार, एचडीएफसी बैंक एक समायोज्य दर ऋण प्रदान करता है जिसे फ्लोटिंग रेट लोन के साथ-साथ ट्रूफिक्स्ड लोन के रूप में भी जाना जाता है जिसमें होम लोन पर ब्याज दर एक विशिष्ट अवधि (पूरे ऋण अवधि के पहले दो साल) के लिए तय रहती है, जिसके बाद यह एक समायोज्य दर ऋण में परिवर्तित हो जाता है. सभी उधार दरें प्रचलित नीतिगत रेपो दर से निर्धारित होती हैं, जो वर्तमान में 6.50% है.

MCLR क्या है?

एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स वह न्यूनतम ब्याज दर है, जिसके नीचे बैंक को लोन देने की अनुमति नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक ने लोन के लिए ब्याज दरें तय करने को 1 अप्रैल 2016 को MCLR लागू किया था. एमसीएलआर में कमी या बढ़ोतरी का सीधा असर लोन लेने वाले ग्राहक पर पड़ता है. इसमें बढ़ोतरी के कारण अब ग्राहकों को पहले से ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी.