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सरकार ने ग्रामीण रोजगार के लिए खोला MGNREGA फंड का खजाना, केंद्र ने जारी किए 68 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये

केंद्र सरकार ने इस वर्ष मनरेगा के तहत 68,393.67 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जबकि 10,127.58 करोड़ रुपये की मजदूरी और सामग्री भुगतान देनदारियां अभी भी लंबित हैं.

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Edited By: Km Jaya
MGNREGA funds India daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: भारत सरकार ने मनरेगा के लिए इस वित्तीय वर्ष में अब तक 68,393.67 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं. ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पसवान ने राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि 26 नवंबर तक मजदूरी भुगतान के लिए 57,853.62 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं, जबकि 10,540.05 करोड़ रुपये सामग्री और प्रशासनिक मदों के लिए दिए गए हैं. 

वर्ष 2025–26 के लिए मनरेगा का कुल बजट 86,000 करोड़ रुपये निर्धारित है. फिर भी कई राज्यों में मजदूरी और सामग्री भुगतान से जुड़े दायित्व लंबित हैं. मंत्री ने बताया कि कुल 10,127.58 करोड़ रुपये की देनदारियां अभी भी बकाया हैं, जिनमें 1,687.27 करोड़ रुपये मजदूरी से संबंधित, 8,008.48 करोड़ रुपये सामग्री खरीद से संबंधित और 431.83 करोड़ रुपये प्रशासनिक खर्च से जुड़े हैं.

किस राज्य में कितना है बकाया?

राज्यों की बात करें तो आंध्र प्रदेश में 381.02 करोड़ रुपये मजदूरी बकाया है और 530.45 करोड़ रुपये सामग्री भुगतान लंबित है. इसी प्रकार केरल में 248.42 करोड़ रुपये, मिजोरम में 91 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश में 64.14 करोड़ रुपये और गुजरात में 46.98 करोड़ रुपये मजदूरी के रूप में लंबित हैं. सामग्री भुगतान के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 1,007.58 करोड़ रुपये, राजस्थान में 880 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश में 655.03 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में 668.80 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है.

पश्चिम बंगाल क्यों रोका गया मनरेगा फंड?

वहीं पश्चिम बंगाल के लिए इस वित्त वर्ष में कोई लंबित देनदारी सूचीबद्ध नहीं की गई है क्योंकि 9 मार्च 2022 से केंद्र ने राज्य को मनरेगा फंड जारी करना रोक दिया है. यह कार्रवाई मनरेगा अधिनियम की धारा 27 के तहत की गई, जिसमें केंद्र द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन न होने के आरोप हैं. पसवान ने स्पष्ट किया कि मनरेगा एक मांग आधारित रोजगार गारंटी योजना है और फंड जारी करना एक सतत प्रक्रिया है. 

कैसे दिया जाता है भुगतान?

मजदूरी भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजा जाता है और प्रतिदिन PFMS प्रणाली के जरिए भुगतान स्वीकृत होता है. उन्होंने बताया कि हर वित्त वर्ष की शुरुआत में पिछले वर्ष की लंबित देनदारियों का भुगतान किया जाता है. मंत्री ने दावा किया कि वित्त वर्ष 2024–25 तक की सभी मजदूरी देनदारियां चुका दी गई हैं, पश्चिम बंगाल को छोड़कर.

फंड को कितने किस्तों में किया जाता है जारी?

सामग्री और प्रशासनिक खर्चों के लिए राज्यों को प्रस्ताव भेजना होता है और फंड दो किस्तों में जारी किया जाता है. फंड जारी करते समय श्रम बजट, काम की मांग, ओपनिंग बैलेंस, फंड उपयोग, प्रदर्शन और लंबित देनदारियों को ध्यान में रखा जाता है. सरकार का कहना है कि मनरेगा फंडिंग नियमित रूप से जारी रहेगी और राज्यों की जरूरतों के अनुसार भुगतान होता रहेगा.