नई दिल्ली: किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में अचानक मदद मिलना कई बार मुश्किल हो जाता है. हालांकि, अगर आप इमरजेंसी कॉल कर भी दें तो उनके लिए आपकी लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आपके लिए एंड्रॉइड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस को ऑन करना बेहद जरूरी हो जाता है. यह सर्विस इमरजेंसी सर्विसेज को कॉलर की लोकेशन अपने आप ढूंढने में मदद करती है.
गूगल के आधिकारिक ब्लॉग के अनुसार, उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने एंड्रॉइड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस को पूरी तरह से एक्टिवेट किया है. इस सिस्टम को उत्तर प्रदेश पुलिस के इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेटअप के साथ इंटीग्रेट किया गया है. यह प्रोजेक्ट पर्ट टेलीकॉम सॉल्यूशन्स के टेक्निकल सपोर्ट से पूरा किया गया. गूगल ने यह भी कहा है कि भविष्य में अन्य भारतीय राज्यों को भी यह सर्विस मिलेगी.
एंड्रॉइड इमरजेंसी लोकेशन सर्विस एंड्रॉइड फोन में एक बिल्ट-इन फीचर है. जब कोई 112 जैसे इमरजेंसी नंबर पर डायल करता है, तो यह सर्विस अपने आप कॉलर की सही लोकेशन इमरजेंसी सर्विसेज को भेज देती है. इससे कॉलर को यह बताने की जरूरत नहीं पड़ती है कि वो कहां हैं. यह फीचर फोन की लोकेशन ढूंढने के लिए जीपीएस, वाई-फाई सिग्नल और मोबाइल नेटवर्क डाटा का इस्तेमाल करता है.
बता दें कि यह सर्विस फोन कॉल और SMS दोनों के लिए काम करती है. अगर कॉल कनेक्ट होने के बाद कट भी जाता है, तो भी यह फीचर लोकेशन डाटा भेजता रहता है, जिससे व्यक्ति के पास समय पर मदद पहुंच सके.
इसके लिए आपको कोई भी ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं है. यह फ्री सर्विस है और एंड्रॉइड फोन में पहले से ही उपलब्ध है. यह आमतौर पर अपने आप काम करता है, लेकिन आप फिर भी चेक कर सकते हैं कि यह आपके फोन में एक्टिवेट है या नहीं. इसके लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें.
सबसे पहले अपने एंड्रॉइड फोन पर सेटिंग्स ओपन करें.
फिर लोकेशन पर जाएं, इसमें लोकेशन सर्विसेज पर टैप करें.
इसके बाद इमरजेंसी लोकेशन सर्विस का विकल्प ढूंढें.
यहां से चेक करें कि यह एक्टिवेट है या नहीं. अगर नहीं है तो इसे एक्टिवेट कर दें.
इसके बाद ELS सिर्फ इमरजेंसी कॉल या SMS के दौरान ही एक्टिवेट होगा.