माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट X और टेस्ला के मालिक एलन मस्क भारतीय मार्केट में जल्द ही टेलिकॉम कंपनियों को टक्कर देते नजर आएंगे. बता दें कि जल्द ही एलन मस्क सैटेलाइट कंपनी स्टारलिंक के जरिए भारत में एंट्री ले सकते हैं जिसके साथ जियो को कड़ी टक्कर मिल सकती है. कहा जा रहा है कि स्टारलिंक को रेग्यूलेटरी परमीशन मिल गई है. इसका पूरा प्रोसेस लास्ट स्टेज में है.
गांवों में और दूरदराज इलाकों में मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी:
जैसे ही कंपनी की लाइसेंस मिल जाएगा, कंपनी भारतीय मार्केट में स्टारलिंक को लेकर काम करना शुरू कर देगी. एलन मस्क का उद्देश्य स्टारलिंक के जरिए गांवों में और दूरदराज इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी पहुंचाना है. एक रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क अपने शेयरहोल्डिंग पैटर्न की डिटेल्स प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड डिपार्टमेंट को देगी. जब सभी डिटेल्स शेयर कर दी जाएंगी तो स्टारलिंक को टेलिकॉम डिपार्टमेंट से ऑपरेटिंग सर्टिफिकेट दे दिया जाएगा.
इसके बाद टेलिकॉम सेक्रेट्री नीरज मित्तल और कम्यूनिकेशन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव को उनकी मंजूरी के लिए एक लेटर ऑफ इंटेंट भेजा जाएगा. अगर स्टारलिंक को यहां से मंजूरी मिल जाती है, तो सैटेलाइट कम्युनिकेशन विंग से मंजूरी की जरूरत होगी. इसके बाद स्टारलिंक वो तीसरी कंपनी बन जएगी जिसे ये लाइसेंस मिलेगा. इससे पहले वनवेब और जियो को यह लाइसेंस मिल चुका है.
स्टारलिंक की स्पीड:
स्टारलिंक की स्पीड को लेकर कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिसमें कहा गया है कि इसकी डाउनलोड स्पीड 25 से 220 एमबीपीएस तक हो सकती है. कंपनी ने इसकी अपलोड स्पीड 5 से 20 एमबीपीएस के आसपास होने की बात कही है. अब टावर्स और ऑप्टिकल फाइबर से तो इतनी स्पीड मिलना मुश्किल है. ऐसे में कहा जा रहा है कि स्टारलिंक सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट उपलब्ध कराएगी.
जियो को मिलेगी कड़ी टक्कर:
अगर ऐसा होता है तो भारत में जियो को कड़ी टक्कर मिलेगी. अभी तक जियो फाइबर की स्पीड यूजर्स को काफी फास्ट लग रही है. लेकिन कहा जा रहा है कि स्टारलिंक की स्पीड इससे भी फास्ट होगी और यूजर एक्सपीरियंस को बढ़ाएगी.