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उत्तराखंड में भारी बारिश से खतरे की ओर बढ़े नदी-नाले, बैराज और जलाशयों पर भी रखी जा रही कड़ी नजर, अलर्ट जारी

प्रदेश के 12 प्रमुख बैराजों और 12 जलाशयों में से 8 जगहों पर जलस्तर स्थिर बना हुआ है. 2 स्थानों पर जलस्तर में वृद्धि देखी गई है, जबकि 2 जगहों पर जलस्तर में गिरावट आई है. सिंचाई विभाग की विशेष टीमें इन जल स्रोतों पर 24 घंटे नजर रखे हुए हैं, ताकि किसी भी स्थिति से तुरंत निपटा जा सके.

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Reepu Kumari

Uttarakhand weather: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. हालात को देखते हुए सिंचाई विभाग और केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने अलर्ट मोड में काम शुरू कर दिया है. संवेदनशील इलाकों में नदियों के जलस्तर पर बारीकी से निगरानी रखी जा रही है

प्रदेश के प्रमुख बैराजों और जलाशयों के स्तर की भी लगातार निगरानी हो रही है, ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत राहत कार्य शुरू किया जा सके. नदियों का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.

कहां-कहां खतरे के करीब पहुंचा जलस्तर?

  • 13 स्थानों में से 5 जगहों पर दोपहर 3 बजे तक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था.
  • सत्यनारायण: सौंग नदी 338.20 मीटर के खतरे के निशान के मुकाबले 337.15 मीटर तक पहुंच गई.
  • जोशीमठ: अलकनंदा नदी 1383.00 मीटर खतरे के निशान के मुकाबले 1375.89 मीटर तक बढ़ी.
  • चमगाढ़ (पिथौरागढ़): सरयू नदी 453 मीटर के खतरे के निशान के मुकाबले 447.80 मीटर तक पहुंची.
  • धारचूला: काली नदी 890 मीटर के निशान के मुकाबले 888.50 मीटर तक चढ़ी.
  • जौलजीबी: गौरी नदी 607.80 मीटर खतरे के निशान के मुकाबले 604.25 मीटर तक पहुंच गई.

अन्य नदियों का हाल

  • मदकोट: गौरी नदी 1215.10 के खतरे के निशान के मुकाबले 1211.65 तक पहुंची.
  • चौखुटिया: रामगंगा नदी 923.45 मीटर में से 921.70 मीटर तक पहुंच गई.
  • कपकोट व बागेश्वर: सरयू नदी क्रमशः 1031 और 866.10 मीटर पर दर्ज की गई, जो खतरे के निशान से थोड़ी नीचे है.
  • ऋषिकेश (माया कुंड): गंगा नदी 337.15 मीटर तक पहुंची, खतरे का निशान 340.50 मीटर है.
  • नौगांव: यमुना नदी 1058.96 मीटर पर रही जबकि खतरे का स्तर 1059.50 मीटर है.
  • ट्यूनी: टोन्स नदी 888.80 मीटर तक पहुंची, खतरे का निशान 903.23 मीटर है.

बैराज और जलाशय भी अलर्ट पर

प्रदेश के 12 प्रमुख बैराजों और 12 जलाशयों में से 8 जगहों पर जलस्तर स्थिर बना हुआ है. 2 स्थानों पर जलस्तर में वृद्धि देखी गई है, जबकि 2 जगहों पर जलस्तर में गिरावट आई है. सिंचाई विभाग की विशेष टीमें इन जल स्रोतों पर 24 घंटे नजर रखे हुए हैं, ताकि किसी भी स्थिति से तुरंत निपटा जा सके.

राज्य में बारिश से नदियों और जलाशयों का जलस्तर तेजी से बदल रहा है. प्रशासन और संबंधित विभाग अलर्ट पर हैं. लोगों से अपील है कि नदी किनारे ना जाएं और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन की सलाह का पालन करें.