देहरादून: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को यूकेएसएसएससी स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा पेपर लीक में एक नया मोड़ आया है. राज्य स्तरीय बेरोजगार युवा संगठन के अध्यक्ष बॉबी पंवार से अपने देहरादून कार्यालय में लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की. 21 सितंबर को आयोजित यह परीक्षा विवादों के केंद्र में रही है और राज्य भर में लगातार विरोध प्रदर्शनों के बाद जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रमुख पंवार ने सैकड़ों नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के साथ देहरादून में पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन का नेतृत्व किया था.
सीबीआई ने उनके मोबाइल फोन की भी जांच की. बॉबी पर आरोप है कि उन्होंने ही लीक हुए पेपर की जानकारी सबसे पहले अपने मोबाइल फोन से सोशल मीडिया पर प्रसारित की थी. जांच के दौरान पाया गया कि मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन सबिया पहले से ही जेल में हैं, जबकि 28 नवंबर को लीक में कथित रूप से शामिल सहायक प्रोफेसर सुमन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
बॉबी ने सीबीआई के सामने अपने पक्ष में बयान दिया है. उन्होंने बताया कि प्रश्न-पत्र उन्हें एक निश्चित समय पर प्राप्त हुआ था और इसके तुरंत बाद उनकी असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन से बातचीत हुई. इस दौरान उन्होंने सुमन को पेपर मिलने की जानकारी दी, जिस पर सुमन ने हैरानी जताते हुए सतर्क रहने की सलाह दी. बॉबी ने यह भी बताया कि इस समय दोनों के बीच पहले से चल रहा संपर्क काम आया. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं पता कि प्रश्न-पत्र किसी और को भेजा गया या नहीं.
बॉबी ने माना कि पेपर मिलने के बावजूद उन्होंने पुलिस को जानकारी नहीं दी और तय समय पर इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. अपलोड से पहले उन्होंने कुछ परिचितों से चर्चा भी की, लेकिन पुलिस को सूचित करने की आवश्यकता नहीं समझी. पूछताछ में जब उनसे खालिद को जानने के बारे में पूछा गया, तो बॉबी ने इस सवाल का भी साफ-साफ जवाब नहीं दिया, जिससे मामले में कई सवाल बने हुए हैं.
पेपर लीक मामले में बॉबी पंवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. उन्होंने ही सबसे पहले विरोध प्रदर्शन किया था और इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाया था. इसके बाद, राज्य सरकार ने सीबीआई जाच की सिफारिश की थी.
बॉबी ही लीक हुए पेपर के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर सबसे पहले पोस्ट करने वाले व्यक्ति भी थे. सीबीआई ने अब अपनी जांच तेज कर दी है और गिरफ्तारियां शुरू कर दी हैं. 28 नवंबर को एजेंसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को गिरफ्तार किया.