पेपर लीक मामले पर सीएम धामी का बड़ा ऐलान, CBI जांच के आश्वासन के बाद धरना हुआ खत्म

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षा में कथित पेपर लीक को लेकर परेड ग्राउंड देहरादून में चल रहा विरोध आठवें दिन खत्म हो गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात कर सीबीआई जांच की सिफारिश का भरोसा दिलाया है.

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Kuldeep Sharma

देहरादून के परेड ग्राउंड में पिछले आठ दिनों से युवा और अभ्यर्थी धरने पर बैठे थे. उनकी मांग थी कि 21 सितंबर को हुई यूकेएसएसएससी परीक्षा में कथित पेपर लीक की जांच सीबीआई से कराई जाए. सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद धरना स्थल पहुंचे और आंदोलनकारियों से बातचीत की. उन्होंने सीबीआई जांच की सिफारिश करने और छात्रों पर दर्ज केस हटाने का आश्वासन दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने 10 अक्टूबर तक विरोध स्थगित करने की घोषणा की.

सोमवार को मुख्यमंत्री धामी परेड ग्राउंड पहुंचे तो माहौल भावुक हो गया. उन्होंने कहा कि सरकार जानती है कि नौकरी की तैयारी करने वाले युवा कितनी मेहनत करते हैं. पेपर लीक की जांच पहले से ही एसआईटी कर रही है, जिसकी निगरानी हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज कर रहे हैं. लेकिन चूंकि युवा सीबीआई जांच चाहते हैं, इसलिए सरकार इसमें कोई बाधा नहीं डालेगी और सीबीआई को जांच सौंपने की सिफारिश की जाएगी.

पेपर लीक का पूरा विवाद

यह मामला तब तूल पकड़ा जब उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा अध्यक्ष बॉबी पंवार ने दावा किया कि परीक्षा शुरू होने के आधे घंटे बाद ही प्रश्नपत्र लीक हो गया था. जांच में सामने आया कि एक अभ्यर्थी खालिद मलिक ने पेपर अपनी बहन सबिया को भेजा, जिसने आगे इसे एक कॉलेज प्रोफेसर को हल करने के लिए भेजा. प्रोफेसर ने बाद में इसे सार्वजनिक कर दिया. अब तक खालिद और सबिया गिरफ्तार हो चुके हैं. इस बीच, पेपर लीक से जुड़े एक अन्य आरोपी पूर्व भाजपा नेता हाकम सिंह को भी हाल ही में गिरफ्तार किया गया, जिस पर अभ्यर्थियों से लाखों रुपये लेने का आरोप है.

राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप

इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. मुख्यमंत्री धामी ने आंदोलन के बीच 'नकल जिहाद' शब्द का इस्तेमाल कर सख्त रुख दिखाया था. उन्होंने कहा था कि कुछ लोग छात्रों की आड़ में राजनीति कर रहे हैं और असंवैधानिक नारे लगा रहे हैं. वहीं कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि पहले भी सीबीआई जांच की सिफारिशें हुईं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. कांग्रेस ने 3 अक्टूबर को सीएम आवास तक मार्च निकालने का ऐलान किया है.

10 अक्टूबर तक सरकार को मोहलत

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के त्रिभुवन चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ समय मांगा है, इसलिए आंदोलनकारी 10 अक्टूबर तक इंतजार करेंगे. अगर तब तक मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन फिर से तेज किया जाएगा. इस बीच, पूरे राज्य में चल रहे विरोध-प्रदर्शन भी स्थगित कर दिए गए हैं.