Uttarakhand Flood: उत्तराखंड में लगातार हो रही भीषण बारिश अब लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है. चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और पौड़ी गढ़वाल जिलों के कई गांवों में जमीन धंसने लगी है. कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे लोगों में दहशत फैल गई है.
हालात इतने बिगड़ गए कि कुछ गांवों में लोग रातों-रात अपने घर छोड़कर भाग गए, जबकि कई जगहों पर प्रशासन ने खुद लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया है. सबसे ज्यादा परेशानी इसलिए हो रही है क्योंकि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत कई अहम सड़कें धंस गई हैं. प्रदेश में इस वक्त कुल 520 सड़कें बंद हैं. इनमें 5 राष्ट्रीय राजमार्ग, 27 राज्य मार्ग, 17 मुख्य जिला सड़कें और 164 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं. अकेले अल्मोड़ा जिले में 86, पौड़ी में 71, उत्तरकाशी में 65 और चमोली में 53 सड़कें बंद हैं.
लोक निर्माण विभाग ने दावा किया है कि इन सड़कों को खोलने के लिए 779 मशीनें तैनात की गई हैं. इसके बावजूद लगातार हो रही बारिश के कारण सड़कों को खोलने के बाद भी वे फिर से बंद हो जा रही हैं. विभाग ने 15 सितंबर से गड्ढा मुक्त सड़क अभियान शुरू करने का ऐलान किया है और 31 अक्टूबर तक सभी सड़कों को दुरुस्त करने का लक्ष्य रखा है.
बारिश और भूस्खलन ने सिर्फ सड़कों को ही नहीं बल्कि पुलों को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचाया है. अब तक 29 पुल पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा 10 पुल उत्तरकाशी जिले में टूटे हैं. इसके अलावा एनएच और पीएमजीएसवाई के भी कई पुल प्रभावित हुए हैं. राज्य में लगातार बिगड़ते हालात के बीच प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन खराब मौसम और लगातार बरसात के कारण चुनौती और बढ़ गई है.