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India Daily

इस राज्य में शराब की कीमतों में होगी बंपर बढ़ोतरी, जानें सरकार ने क्यों लिया इतना कड़ा फैसला?

आबकारी विभाग ने अब शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी पर भी वैट (VAT) लगाने का फैसला किया है. इस बदलाव का सीधा असर शराब की कीमतों पर पड़ा है और अब प्रति बोतल 50 से 100 रुपये तक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

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Edited By: Anuj
Liquor prices have increased in Uttarakhand

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में नई आबकारी नीति, जिसके आधार पर विभाग 5,060 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व जुटाने का दावा कर रहा था, अब वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले ही बड़ी मुश्किल में फंस गई है. आबकारी विभाग ने अब शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी पर भी वैट (VAT) लगाने का फैसला किया है. यह निर्णय तब लिया गया जब, वित्त विभाग ने इस बारे में गंभीर आपत्ति जताई. इस बदलाव का सीधा असर शराब की कीमतों पर पड़ा है और अब प्रति बोतल 50 से 100 रुपये तक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

एक्साइज ड्यूटी से वैट को हटाया गया

वित्तीय वर्ष 2025–26 की आबकारी नीति में पहले एक्साइज ड्यूटी से वैट को हटाया गया था. जिसको लेकर विभाग ने कहा था कि अन्य राज्यों की तुलना में आबकारी नीति को उपयुक्त बनाने के लिए ऐसा किया गया है. उदाहरण के तौर पर उत्तर प्रदेश में भी एक्साइज ड्यूटी पर वैट नहीं लगाया जाता और वहां शराब की दुकानों पर अतिरिक्त अधिभार भी समाप्त कर दिया गया है.

साथ ही, शराब व्यापार में उत्पादक (manufacturer) की कीमत पर वैट के अलावा आयात-निर्यात शुल्क भी लिया जाता है. लेकिन उत्तराखंड का वित्त विभाग इस तर्क से सहमत नहीं था और एक्साइज ड्यूटी पर वैट लगाने की अपनी मांग पर अड़ा रहा. जब विभागों के बीच कई दौर की चर्चाओं और जवाबों के बाद भी वित्त विभाग की आपत्ति दूर नहीं हुई तो आबकारी विभाग को 12% दर से एक्साइज ड्यूटी पर भी वैट शामिल करना पड़ा.

शराब की बिक्री में गिरावट

इस बदलाव के बाद अब आबकारी विभाग को डर है कि शराब की बिक्री में गिरावट आ सकती है. उत्तराखंड एक पर्यटन राज्य है, जहां शराब के संतुलित दाम बिक्री बढ़ाने में और तस्करी रोकने में मदद करते हैं. लेकिन अब पड़ोसी राज्यों की तुलना में उत्तराखंड में शराब काफी महंगी हो गई है. इसका असर यह होगा कि राज्य में आने वाले पर्यटक अपने साथ शराब का अधिकतम अनुमन्य कोटा लेकर चलेंगे और इससे कहीं न कहीं उत्तराखंड की बिक्री प्रभावित होगी.

25 लाख पेटियों की बिक्री बाकी

नीति लागू करते समय आबकारी विभाग का अनुमान था कि वे निर्धारित लक्ष्य से करीब 700 करोड़ रुपये अधिक राजस्व कमा लेंगे. लेकिन अब जो वैट बढ़ाया गया है, उससे केवल लगभग 50 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व ही मिलने की उम्मीद है. फिलहाल 25 लाख पेटियों की बिक्री बाकी है. ऐसे में अचानक कीमत बढ़ने से एक ओर ग्राहकों पर लगभग 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, वहीं दूसरी ओर मांग घटने से राजस्व में करीब 250 करोड़ रुपये की कमी होने की आशंका जताई जा रही है.