Kuber Dev Temple Almora: उत्तराखंड की पवित्र भूमि देवताओं के निवास स्थान के रूप में जानी जाती है. हर घाटी, हर धाम में आस्था का एक अलग रूप देखने को मिलता है. इन्हीं में से एक है अल्मोड़ा जिले का जागेश्वर धाम, जहां धन के देवता कुबेर विराजमान हैं. यह मंदिर अपनी रहस्यमयी मान्यताओं और चमत्कारी अनुभवों के लिए प्रसिद्ध है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, कुबेर देव लंकापति रावण के सौतेले भाई थे. उन्हें देवताओं का कोषाध्यक्ष कहा जाता है और हिंदू धर्म में धन, समृद्धि और ऐश्वर्य के देवता के रूप में पूजा जाता है. जागेश्वर धाम स्थित यह मंदिर बेहद प्राचीन माना जाता है. यहां भगवान कुबेर एकमुखी शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं. कहा जाता है कि यहां भगवान कुबेर एकमुखी शिवलिंग में विराजमान हैं.
इस मंदिर से जुड़ी एक खास परंपरा है जिसमें खीर का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि जो श्रद्धालु कुबेर देव को सच्चे मन से खीर का भोग लगाते हैं, उन पर भगवान की विशेष कृपा होती है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर की ओर से पीले वस्त्र में लिपटा एक चांदी का सिक्का दिया जाता है. माना जाता है कि यह सिक्का व्यक्ति के आर्थिक मार्ग खोल देता है और धन-समृद्धि का प्रतीक बनता है. श्रद्धालु इसे अपने पास रखते हैं, और जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है, तो वे वापस मंदिर आकर भगवान कुबेर को धन्यवादस्वरूप खीर का भोग चढ़ाते हैं.
कुबेर देव के इस मंदिर की प्रसिद्धि केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं है. दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, यूपी और यहां तक कि विदेशों से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए यहां आते हैं. कई लोग बताते हैं कि यहां दर्शन करने और भोग लगाने के बाद उनके व्यापार या नौकरी में अप्रत्याशित उन्नति हुई. उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहा जाता. यहां हर मंदिर, हर धाम के साथ एक ऐसी मान्यता जुड़ी होती है जो श्रद्धालुओं को आत्मिक विश्वास से जोड़ देती है. जागेश्वर धाम का कुबेर मंदिर भी इसी आस्था का प्रतीक है. जहां खीर का भोग श्रद्धा से लगाया जाए तो समृद्धि का द्वार खुल जाता है. कुबेर देव मंदिर न केवल धन की प्राप्ति का प्रतीक है बल्कि यह संदेश भी देता है कि जब श्रद्धा सच्ची हो और कर्म शुद्ध हों, तब भगवान स्वयं आपके मार्ग प्रशस्त करते हैं.