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SDRF के जवान बने देवदूत, गंगा में डूबते चार कांवडियों की बचाई जान

हरिद्वार में सावन के महीने में गंगाजल लेने पहुंचे कांवड़ियों के लिए एसडीआरएफ के जवान किसी देवदूत से कम साबित नहीं हो रहे हैं. गंगा में नहाते वक्त बहे चार लोगों को जवानों ने समय रहते बचा लिया. ये घटनाएं चमगादड़ टापू और प्रेम नगर आश्रम घाट के पास हुईं, जहां ड्यूटी पर तैनात एसडीआरएफ टीम ने तत्परता दिखाकर चारों की जान बचाई.

Imran Khan claims
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सावन के महीने में हरिद्वार की घाटियां श्रद्धालुओं से भर जाती हैं. भगवान शिव के भक्त कांवड़िए देशभर से यहां पहुंचते हैं और गंगाजल लेने से पहले स्नान करते हैं. लेकिन गंगा का तेज बहाव कई बार जानलेवा साबित होता है. ऐसी ही कुछ घटनाएं हरिद्वार में सामने आईं, जब गंगा में डूबते कांवड़ियों को एसडीआरएफ की टीम ने बहादुरी दिखाते हुए मौत के मुंह से बाहर निकाला.

पहली घटना हरिद्वार के चमगादड़ टापू क्षेत्र की है, जहां आज सुबह दिल्ली के रोहिणी से आए तीन कांवड़िए गंगा में स्नान कर रहे थे. स्नान करते समय वे अचानक तेज बहाव में बहने लगे. घाट पर तैनात एसडीआरएफ की टीम ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत गंगा में छलांग लगाई और कुछ ही मिनटों में तीनों कांवड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. समय पर हुई कार्रवाई ने इन युवकों की जान बचा ली.

प्रेम नगर घाट पर श्रद्धालु की बचाई जान

दूसरी घटना प्रेम नगर आश्रम घाट की है. यहां एसडीआरएफ की डीप डाइविंग टीम गश्त पर थी, तभी उन्होंने एक श्रद्धालु को गंगा में डूबते देखा. बिना देरी किए कॉन्स्टेबल नवीन कुमार और सागर कुमार ने तुरंत गहरे पानी में उतरकर डूबते युवक तक पहुंच बनाई और उसे बाहर निकाला. युवक की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी के रूप में हुई है. उसे प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया.

2024 में भी बचाई गई थी सैकड़ों लोगों की जान

हरिद्वार में सावन के दौरान गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं. घाटों पर एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की टीमें चौबीसों घंटे तैनात हैं. पिछले साल 2024 में भी एसडीआरएफ के जवानों ने 250 से अधिक कांवड़ियों की जान गंगा में डूबने से बचाई थी. इस साल भी जवान मुस्तैदी से ड्यूटी निभा रहे हैं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं.

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