Uttarakhand News: उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली इलाके में 22 और 23 अगस्त की दरम्यानी रात भयंकर आपदा आ गई. रात करीब 1 से 2 बजे के बीच तेज बारिश और बादल फटने की वजह से गांवों में भारी तबाही मच गई. कई घर बर्बाद हो गए और कुछ लोगों की जान भी चली गई. इस आपदा ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया.
शनिवार रात को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर (SEOC) में पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि थराली, सैंजी (पौड़ी) और धाराली जैसे हाल के आपदा-प्रभावित क्षेत्रों का गहराई से अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की एक टीम बनाई जाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
मुख्यमंत्री धामी ने चमोली जिले के जिलाधिकारी को आदेश दिया कि जिन लोगों के घर तबाह हुए हैं, उन्हें तुरंत ₹5 लाख की सहायता राशि दी जाए. इसके साथ ही जिन परिवारों ने अपने परिजन खोए हैं, उन्हें भी ₹5 लाख की मदद तुरंत दी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि थराली में जिन लोगों के पास अब रहने की जगह नहीं है, उन्हें बिना देरी के शेल्टर और जरूरी सामान मुहैया कराया जाए.
उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राहत सामग्री जैसे राशन, दवाइयां और अन्य जरूरत की चीजें – समय पर और एक साथ मिलें. साथ ही इन सामग्रियों की गुणवत्ता की जांच भी की जाए ताकि प्रभावित लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो. CM धामी ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि थराली और अन्य प्रभावित इलाकों में बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सेवाएं जल्द से जल्द बहाल की जाएं.
स्यानाचट्टी (उत्तरकाशी) में बनी अस्थायी झील से पानी निकालने के लिए भी तत्काल इंतजाम करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि आगे कोई और खतरा न हो. मुख्यमंत्री ने चमोली डीएम की भी तारीफ की कि उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों की कमान संभाली. साथ ही SDRF और NDRF की टीमों की भी सराहना की, जो लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं.
राज्य में अगले दो दिनों के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रहने और संवेदनशील इलाकों में आपदा प्रबंधन के उपकरण पहले से तैयार रखने के निर्देश दिए हैं.