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Char Dham Yatra 2025: श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी, आज फिर से शुरू चारधाम यात्रा, तुरंत कराएं रजिस्ट्रेशन

उत्तराखंड में रुकी चारधाम यात्रा फिर शुरू होने जा रही है. 1 सितंबर से बारिश और भूस्खलन के कारण बंद यात्रा को 6 सितंबर से दोबारा खोला जाएगा. गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि मौसम सुधरने और सड़कें सुरक्षित होने पर सरकार ने यह निर्णय लिया है.

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Edited By: Princy Sharma
Char Dham Yatra 2025
Courtesy: X

Char Dham Yatra 2025: उत्तराखंड के श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से 1 सितंबर से रुकी चारधाम यात्रा अब 6 सितंबर यानी शनिवार से फिर शुरू हो जाएगी. सरकार ने मौसम विभाग की रिपोर्ट और जिलों से मिली जानकारी के बाद यह बड़ा फैसला लिया है. 

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के चलते सड़कें खतरनाक हो गई थीं और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यात्रा रोकनी पड़ी थी. लेकिन अब मौसम में सुधार हो रहा है, आसमान साफ होने लगा है और सड़कें भी धीरे-धीरे सुरक्षित हो रही हैं. ऐसे में यात्रा को दोबारा शुरू करने का निर्णय लिया गया है . 

कब शुरू होगी चारधाम यात्रा?

चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम तक ले जाती है. इस बार लगातार बारिश और भूस्खलन ने यात्रियों को बड़ी मुश्किल में डाल दिया था. अधिकारियों का कहना है कि यात्रा शुरू करने का निर्णय पूरी सावधानी और मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए लिया गया है. भारी बारिश से रुकी चारधाम यात्रा फिर शुरू, शनिवार 6 सितंबर से होगी. भारतीय मौसम विभाग IMD के अनुसार , पिछले 24 घंटे में बारिश में कमी आई है जिससे राहत मिली है. केवल पिथौरागढ़ और चमोली में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. बाकी जिलों में बारिश बेहद कम रही है. देहरादून, हरिद्वार और टिहरी गढ़वाल लगभग सूखे जैसे हालात में हैं , जबकि रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में 94 परसेंट की भारी कमी दर्ज की गई.

शुक्रवार को 256 सड़कें थीं बंद

IMD देहरादून के अनुसार , अगस्त में जो भारी बारिश हुई थी, वह मानसून और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की वजह से थी. अब यह विक्षोभ कमजोर पड़ गया है और सितंबर में बारिश छिटपुट और हल्की रहने की उम्मीद है. हालांकि राहत की खबरों के बीच चुनौती अभी बाकी है. राज्यभर में शुक्रवार सुबह तक 256 सड़कें भूस्खलन और मलबा गिरने की वजह से बंद पड़ी थीं. इनमें राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग , बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन की सड़कें और ग्रामीण मार्ग शामिल हैं.

सरकार ने श्रद्धालुओं से की अपील

सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम और ट्रैफिक अपडेट जरूर जांच लें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें .बाकी जिलों में बारिश बेहद कम रही है . देहरादून , हरिद्वार और टिहरी गढ़वाल लगभग सूखे जैसे हालात में हैं , जबकि रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में 94 % की भारी कमी दर्ज की गई . IMD देहरादून के अनुसार , अगस्त में जो भारी बारिश हुई थी , वह मानसून और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की वजह से थी . 

अब यह विक्षोभ कमजोर पड़ गया है और सितंबर में बारिश छिटपुट और हल्की रहने की उम्मीद है . हालांकि राहत की खबरों के बीच चुनौती अभी बाकी है . राज्यभर में शुक्रवार सुबह तक 256 सड़कें भूस्खलन और मलबा गिरने की वजह से बंद पड़ी थीं . इनमें राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग , बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन की सड़कें और ग्रामीण मार्ग शामिल हैं . सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले मौसम और ट्रैफिक अपडेट जरूर जांच लें और प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें