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India Daily

मुंबई पुलिस को मिली अब तक की सबसे डरावनी धमकी… 34 मानव बम और RDX का खेल निकला फर्जी! आरोपी गिरफ्तार

Mumbai Bomb Threat: मुंबई ट्रैफिक पुलिस को गणेश विसर्जन से पहले एक व्हाट्सएप संदेश मिला, जिसमें दावा किया गया कि शहर में 34 मानव बम और 400 किलो आरडीएक्स रखा गया है. जांच में यह धमकी फर्जी निकली और पुलिस ने नोएडा से ज्योतिषी अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया गया है.

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Edited By: Babli Rautela
Mumbai Bomb Threat
Courtesy: Social Media

Mumbai Bomb Threat: मुंबई में गणेश विसर्जन से पहले फैली दहशत अब सुलझती नजर आ रही है. पुलिस ने नोएडा से एक 51 साल के अश्विनी कुमार को गिरफ्तार किया है, जिसने शहर में 34 मानव बम और 400 किलो आरडीएक्स रखने की झूठी धमकी दी थी. मुंबई ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर पर एक संदेश भेजा गया, जिसमें दावा किया गया कि '34 मानव बम शहर में लगाए गए हैं और 14 पाकिस्तानी आतंकी भारत में घुस चुके हैं.' 

संदेश भेजने वाले ने खुद को ‘लश्कर-ए-जिहादी’ संगठन से जुड़ा बताया और धमकी दी कि विस्फोटों में 400 किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल किया जाएगा. यह धमकी ऐसे समय आई जब मुंबई में गणेश विसर्जन का आयोजन होने वाला था. जिसके बाद, शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई और हाई अलर्ट घोषित किया गया.

पहचान के बाद आरोपी की गिरफ्तारी

पुलिस जांच में संदेश भेजने वाले की पहचान अश्विनी कुमार के रूप में हुई. वह पटना (बिहार) के पाटलिपुत्र का रहने वाला है और पिछले पांच सालों से नोएडा में ज्योतिष का काम कर रहा था. मुंबई पुलिस ने नोएडा से उसे गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए.

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि अश्विनी ने यह धमकी अपने दोस्त फिरोज को फंसाने के लिए दी थी. एफआईआर के मुताबिक, साल 2023 में पटना के फुलवारी शरीफ थाने में फिरोज की दर्ज एक केस में अश्विनी गिरफ्तार हुआ था और उसने तीन महीने जेल में बिताए थे. उसी का बदला लेने के लिए उसने मुंबई पुलिस को फिरोज के नाम से धमकी भरा संदेश भेजा.

पुलिस ने बरामद किया सामान

अश्विनी के कब्जे से पुलिस ने तकनीकी उपकरणों का बड़ा जखीरा बरामद किया. इनमें सात मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, छह मेमोरी कार्ड होल्डर, एक सिम स्लॉट एक्सटर्नल, दो डिजिटल कार्ड, चार सिम कार्ड होल्डर, एक मेमोरी कार्ड होल्डर भी शामिल हैं.

मुंबई पुलिस ने कहा कि धमकी की जांच के बाद यह साफ हो गया कि यह संदेश फर्जी था. पुलिस अधिकारियों ने बताया, 'आरोपी ने जानबूझकर यह संदेश भेजकर शहर में दहशत फैलाने की कोशिश की. तकनीकी जांच में पता चला कि संदेश नोएडा से भेजा गया था.'