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India Daily

परीक्षा देने आई दिल्ली, उत्तराखंड से मिली डेडबॉडी, क्या है रोस्मिता होजाई की मौत के पीछे की कहानी?

असम के दीमा हसाओ जिले की रहने वाली रोस्मिता होजाई पांच दिन तक लापता रहने के बाद उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में मृत पाई गईं.

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Edited By: Garima Singh
Rosmita Hojai
Courtesy: x

Rosmita hojai case: असम के दीमा हसाओ जिले की रहने वाली रोस्मिता होजाई पांच दिन तक लापता रहने के बाद उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में मृत पाई गईं. रोस्मिता होजाई, दीमा हसाओ के सोन्टिला गांव की निवासी, 5 जून 2025 को रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की परीक्षा देने के लिए असम से दिल्ली आई थीं.

 परीक्षा के बाद, वह अपने दो पुरुष मित्रों (हरियाणा के हेमंत शर्मा और एक अन्य मित्र) के साथ उत्तराखंड के ऋषिकेश पहुंचीं. तीनों ने शिवपुरी में एक कैंपिंग ट्रिप की योजना बनाई थी. लेकिन उसी दिन शाम को, उनके दोनों मित्रों ने पुलिस को सूचना दी कि रोस्मिता लापता हो गई हैं.

रोस्मिता का शव बरामद

मंगलवार को उत्तराखंड पुलिस ने पौड़ी गढ़वाल जिले में रोस्मिता का शव बरामद किया. स्थानीय निवासियों के अनुसार, शिविर स्थल के पास एक महिला को नदी में डूबते देखा गया था, जिसके बाद यह आशंका जताई गई कि रोस्मिता नदी में बह गई हो सकती हैं. हरिद्वार पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के गोताखोरों को तलाशी के लिए तैनात किया. मुनिकीरेती पुलिस स्टेशन के एसएचओ प्रदीप चौहान ने बताया, "पुलिस आत्महत्या की संभावना पर भी विचार कर रही है."

दीमा हसाओ के सीईएम का बयान

दीमा हसाओ के मुख्य कार्यकारी सदस्य (सीईएम) देबोलाल गोरलोसा ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इस दुखद समाचार की पुष्टि की. उन्होंने लिखा, "मैं भारी मन से यह बताना चाहता हूं कि सोनटिला होजाई निवासी मिस रोस्मिता होजाई, जो 5 जून 2025 से दिल्ली में लापता थी, आज उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में मृत पाई गई है." उन्होंने इस दुखद समय में रोस्मिता के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की.

न्याय की मांग

गोरलोसा ने इस मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उत्तराखंड पुलिस का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से रोस्मिता का पता लगाया जा सका. उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, "मैं संबंधित अधिकारियों से इस भयावह घटना में शामिल दो व्यक्तियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह करती हूं. न्याय अवश्य होना चाहिए और ऐसे अपराधों को दंडित किया जाना चाहिए."