menu-icon
India Daily

योगी सरकार ने कर दी कृषि मजदूरों की मौज, न्यूनतम वेतन में किया तगड़ा इजाफा, अब हर दिन मिलेंगे इतने रुपए

श्रम और रोजगार विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एमके शण्मुगा सुंदरम ने कहा कि संशोधित न्यूनतम वेतन उत्तर प्रदेश में सभी प्रकार की कृषि गतिविधियों पर लागू होगा. इसमें पारंपरिक खेती, मशरूम की खेती, और फसलों को बाजार तक पहुंचाने में शामिल श्रम के साथ-साथ डेयरी, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गीपालन और संबंधित सहायता कार्य शामिल हैं.

auth-image
Edited By: Sagar Bhardwaj
Yogi government increased minimum farm wages CHECK DETAILS HERE

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को ग्रामीण उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कृषि मजदूरों के न्यूनतम वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि की अधिसूचना जारी की. अब राज्य भर में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में कार्यरत सभी मजदूरों को प्रतिदिन 252 रुपये या मासिक 6,552 रुपये का न्यूनतम वेतन मिलेगा. यह नया वेतन सभी जिलों में एकसमान लागू होगा और इसमें पारंपरिक खेती के साथ-साथ पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती, और फसल परिवहन जैसे कार्य शामिल हैं.

किसी भी स्थिति में 252 रुपए से कम नहीं होगा न्यूनतम वेतन

श्रम और रोजगार विभाग के प्रधान सचिव डॉ. एमके शण्मुगा सुंदरम ने कहा, "संशोधित न्यूनतम वेतन उत्तर प्रदेश में सभी प्रकार की कृषि गतिविधियों पर लागू होगा. इसमें पारंपरिक खेती, मशरूम की खेती, और फसलों को बाजार तक पहुंचाने में शामिल श्रम के साथ-साथ डेयरी, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गीपालन और संबंधित सहायता कार्य शामिल हैं." वेतन का भुगतान नकद, आंशिक रूप से नकद, वस्तु (जैसे कृषि उपज), या डिजिटल भुगतान के माध्यम से किया जा सकता है, लेकिन किसी भी स्थिति में यह 252 रुपये प्रतिदिन से कम नहीं होगा. अल्पकालिक और प्रति घंटा मजदूरों के लिए, प्रति घंटा वेतन दैनिक वेतन का छठा हिस्सा से कम नहीं होगा. 

कम नहीं किया जाएगा वेतन

यदि कोई मजदूर पहले से ही 252 रुपये प्रतिदिन से अधिक वेतन प्राप्त कर रहा है, तो उसका वेतन कम नहीं किया जाएगा. यह नीति ग्रामीण उत्तर प्रदेश में वेतन पारदर्शिता और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देती है. एक वरिष्ठ राज्य अधिकारी ने कहा, "यह केवल वेतन निर्धारण की बात नहीं है. यह उत्तर प्रदेश की श्रम नीति में मूलभूत परिवर्तन को दर्शाता है. यह लाखों ग्रामीण मजदूरों को लाभ पहुंचाएगा, कृषि में श्रम की गुणवत्ता और स्थिरता को बेहतर बनाएगा, और 'सबका साथ, सबका विकास' के दृष्टिकोण को सशक्त करेगा."

ग्रामीण आजीविका के लिए व्यापक प्रयास

उत्तर प्रदेश ने पहले असंगठित श्रमिकों के लिए ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण अभियान शुरू किया था. यह वेतन वृद्धि ग्रामीण आजीविका को बेहतर बनाने की दिशा में एक और कदम है. राज्य सरकार ने कहा, "न्यायसंगत वेतन और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित कर, यह कदम उत्तर प्रदेश को न केवल शीर्ष कृषि उत्पादक राज्य बनाएगा, बल्कि कृषि मजदूरों के लिए कल्याणकारी राज्य भी बनाएगा."