नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की आठ साल की यात्रा, विकास और सांस्कृतिक धरोहरों पर खुलकर बात की. हिन्दू धार्मिक स्थलों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाला ‘कभी काशी, कभी मथुरा’ वाला सवाल भी उनसे पूछा गया. इस पर मुख्यमंत्री ने संकेतों में जवाब देते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य हर क्षेत्र तक पहुंचना और वहां विकास को गति देना है, चाहे वह अयोध्या हो, काशी हो या मथुरा.
समिट में जब मुख्यमंत्री से ‘अयोध्या तो बस झांकी है, काशी-मथुरा अभी बाकी है’ वाले नारे का संदर्भ देते हुए सवाल पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “हम सब जगह पहुंचेंगे और पहुंच चुके हैं.” उनका यह बयान धार्मिक और राजनीतिक हलकों में नए संकेतों की तरह देखा जा रहा है.
ज्ञानवापी और शाही ईदगाह जैसे मुद्दे लंबे समय से चर्चा में हैं. इन स्थलों को लेकर धार्मिक समुदायों की ऐतिहासिक धारणा भी मजबूत है. योगी आदित्यनाथ के जवाब के बाद यह अनुमान और तेज हो गया है कि आने वाले समय में इन जगहों पर भी कुछ बड़े कदम उठ सकते हैं.
योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल को उत्तर प्रदेश के बदलते चेहरे से जोड़ा. उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते चुनौतियां भी बड़ी थीं, लेकिन आठ साल में कानून-व्यवस्था से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक बड़े सुधार हुए हैं और वे इस परिवर्तन का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करते हैं.
उन्होंने स्वीकार किया कि उपलब्धियों की सूची लंबी है, इसलिए किसी एक को चुनना कठिन है. लेकिन अयोध्या में 500 वर्षों बाद श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण उनके जीवन के सबसे यादगार क्षणों में से एक है. उनके अनुसार यह न सिर्फ राजनीतिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक उपलब्धि है.
समिट में मुख्यमंत्री ने इशारों में कहा कि यूपी का विकास यात्रा अभी और आगे जाएगी. धार्मिक पर्यटन, कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई नई योजनाएं शुरू होने वाली हैं. उनके अनुसार, राज्य सरकार हर क्षेत्र तक पहुंचकर विकास का दायरा और विस्तृत करेगी.