Yogi Adityanath Records: योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा इस CM का रिकॉर्ड, बने उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बना लिया है. उन्होंने गोविंद बल्लभ पंत का 8 साल 127 दिन का रिकॉर्ड तोड़ा है. 2017 में मुख्यमंत्री बने योगी लगातार दो कार्यकाल जीतने वाले पहले नेता हैं. उनका प्रशासन कानून-व्यवस्था और हिंदुत्व के मुद्दों पर चर्चित रहा है.
Yogi Adityanath Records: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सबसे लंबे समय तक पद पर बने रहने वाले मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास रच दिया है. उन्होंने गोविंद बल्लभ पंत का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 8 साल और 132 दिनों की सेवा पूरी की है. पंत का कार्यकाल 8 साल और 127 दिन का था, जिसमें स्वतंत्रता से पूर्व का कार्यकाल भी शामिल है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार शपथ ली थी. इसके बाद उन्होंने 2022 में विधानसभा चुनाव जीतकर लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली. वे यूपी के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिन्होंने अपना पहला कार्यकाल पूरा किया और फिर दोबारा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लौटे.
राजनीतिक दृष्टि से प्रभावशाली
योगी का यह सफर केवल लंबी अवधि का नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी प्रभावशाली रहा है. कानून-व्यवस्था को मजबूत करने, अपराध पर नकेल कसने, निवेश को आकर्षित करने और धार्मिक-सांस्कृतिक मुद्दों पर सख्त रुख अपनाने को लेकर उन्होंने लगातार सुर्खियां बटोरीं. उनके शासन में बुलडोजर कार्रवाई, माफिया विरोधी अभियान और राम मंदिर निर्माण जैसे मुद्दे प्रमुख रहे हैं.
सामाजिक और धार्मिक नेतृत्व
इनका असली नाम अजय मोहन सिंह बिष्ट है. उनका जन्म उत्तराखंड में हुआ था. मात्र 26 वर्ष की उम्र में वे पहली बार सांसद बने और गोरखपुर से लगातार पांच बार लोकसभा पहुंचे. राजनीति में आने से पहले वे गोरखनाथ मठ के महंत बने और वहां से उनका सामाजिक और धार्मिक नेतृत्व भी शुरू हुआ.
उत्तर प्रदेश की राजनीति अहम भूमिका
53 वर्ष की उम्र में योगी आदित्यनाथ आज उत्तर प्रदेश की राजनीति के सबसे मजबूत चेहरों में से एक हैं. भाजपा के "हिंदुत्व" एजेंडे को सशक्त करने और संगठनात्मक ताकत को जमीनी स्तर पर विस्तार देने में उनकी अहम भूमिका रही है. उनकी यह उपलब्धि न केवल व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे और जनसमर्थन का भी प्रतीक मानी जा रही है.