Ayodhya Deepotsav 2025: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या के भव्य दीपोत्सव से पहले दीयों और मोमबत्तियों पर भारी खर्च को लेकर सवाल उठाया, जिससे राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया. उन्होंने कहा, “दुनियाभर में क्रिसमस के दौरान शहर रोशनी से जगमगाते हैं. हमें उनसे सीखना चाहिए. दीयों और मोमबत्तियों पर इतना खर्च और विचार क्यों करना?”
अखिलेश ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “इस सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है? इसे हटाना चाहिए. हम और खूबसूरत रोशनी की व्यवस्था करेंगे.”
पत्रकारों का जवाब देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "... मैं कोई सुझाव नहीं देना चाहता। लेकिन मैं भगवान राम के नाम पर एक सुझाव ज़रूर दूंगा। पूरी दुनिया में क्रिसमस के दौरान सभी शहर जगमगा उठते हैं और यह महीनों तक चलता है। हमें उनसे सीखना चाहिए। हमें दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा क्यों खर्च करना पड़ता है और इसके लिए इतना सोचना क्यों पड़ता है? हम इस सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं? इसे हटा देना चाहिए। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि और भी खूबसूरत रोशनियां हों..."
#WATCH | Lucknow | SP Chief Akhilesh Yadav says, "... I dont want to give a suggestion. But I will give one suggestion on the name of Lord Ram. In the entire world, all the cities get illuminated during Christmas. And that goes on for months. We should learn from them. Why do we… pic.twitter.com/HAL47migCC
— ANI (@ANI) October 18, 2025
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने अखिलेश के बयान की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, “राम मंदिर आंदोलन का विरोध करने वाली, अयोध्या को अंधेरे में रखने वाली और राम भक्तों पर हमले में गर्व करने वाली समाजवादी पार्टी अब दीपोत्सव की सजावट का विरोध कर रही है. सैफई उत्सव में जनता का कोई लाभ नहीं था, लेकिन अयोध्या में हजारों छोटे व्यापारियों की आजीविका को देखकर कुछ लोग नाराज हैं.”
दीपोत्सव 2025 की भव्यता
अयोध्या का नौवां दीपोत्सव 17 अक्टूबर से शुरू हो चुका है, जो 26,11,101 दीयों के साथ सरयू नदी के 56 घाटों पर चरम पर पहुंचेगा. 33,000 स्वयंसेवकों, 2,100 वैदिक विद्वानों और 1,100 ड्रोन्स की भागीदारी इसे अनूठा बनाती है. 2017 में 1.71 लाख दीयों से शुरू हुआ यह उत्सव अब 15 गुना बढ़ चुका है.