'जिहादियों और धर्मांतरण गिरोहों के तथाकथित मसीहा', अखिलेश यादव के दिवाली बयान पर भड़के हिंदू संगठन

VHP Reaction Akhilesh Yadav Statement: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा दिवाली पर दी गई विवादित टिप्पणी ने नए विवाद को जन्म दिया है. उनकी इस टिप्पणी पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही है. इसी बीच विश्व हिंदू परिषद उनके बयानों को लेकर उनपर जमकर निशाना साधा है.

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Shanu Sharma

VHP Reaction Akhilesh Yadav Statement:  दिवाली के त्योहार के बीच समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के एक बयान ने राजनीतिक जगत में पटाखा का काम किया है. उन्होंने दिवाली की तुलना क्रिसमस से कर दी, जिसके बाद कई विपक्षी दलों ने उनपर जमकर निशाना साधा है. वहीं अब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी उनकी इस प्रतिक्रिया के खिलाफ जमकर रिएक्शन दिया है. 

सपा प्रमुख ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं कोई सुझाव नहीं देना चाहता. लेकिन मैं भगवान राम के नाम पर एक सुझाव ज़रूर दूंगा. दुनिया भर में, क्रिसमस के दौरान सभी शहर जगमगा उठते हैं और यह महीनों तक चलता है. हमें उनसे सीखना चाहिए. हमें दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा क्यों खर्च करना पड़ता है और इतना सोचना क्यों पड़ता है? इसे हटा देना चाहिए. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि और भी खूबसूरत रोशनियां हों.

विश्व हिंदू परिषद की तीखी प्रतिक्रिया 

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने उनके इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जरा सुनिए, उत्तर प्रदेश के ये पूर्व मुख्यमंत्री दिवाली के मौके पर क्रिसमस की तारीफ कर रहे हैं. दीयों की कतारों ने उनका दिल इतना जला दिया है कि वो एक अरब हिंदुओं को उपदेश दे रहे हैं कि 'दीयों और मोमबत्तियों पर पैसा बर्बाद मत करो, क्रिसमस से सीखो. बंसल ने यादव पर भारतीय संस्कृति की बजाय विदेशी परंपराओं का महिमामंडन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जिहादियों और धर्मांतरण गिरोहों के तथाकथित मसीहा, जो खुद को यादव कहते हैं, हिंदुओं से ज़्यादा ईसाइयों से प्यार करते हैं. वो देशी त्योहारों से ज़्यादा विदेशी त्योहारों का महिमामंडन करते हैं.

ईसाई धर्म के अस्तित्व से पहले से मनाई जा रही दिवाली 

अखिलेश यादव के खिलाफ बोलते हुए उन्होंने आगे कहा कि जब ईसाई धर्म का अस्तित्व भी नहीं था, तब से ही दिवाली रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाई जाती रही है. अब हिंदू समाज को ईसाइयों से सीखने को कहा जा रहा है! भगवान राम और भगवान कृष्ण की पावन धरती पर ऐसे नेताओं के संरक्षण में अवैध धर्मांतरण फल-फूल रहा है, जिन्होंने अपने मंत्रिमंडल में अपराधियों और चरमपंथियों को भर दिया है.