लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चीनी मिल कर्मचारियों के लिए नया साल बड़ी राहत लेकर आने वाला है. लंबे समय से वेतन संशोधन का इंतजार कर रहे करीब एक लाख कर्मचारियों के लिए श्रम विभाग ने अहम फैसला लिया है. त्रिपक्षीय वार्ता में वेतन बढ़ोतरी पर सहमति बन चुकी है और अब सिर्फ औपचारिक मंजूरी का इंतजार है. यह फैसला न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगा, बल्कि वर्षों से चली आ रही उनकी मांग को भी पूरा करेगा.
प्रदेश में संचालित 110 चीनी मिलों में कार्यरत अकुशल, कुशल और उच्च कुशल श्रेणी के कर्मचारियों का वेतन संशोधन अक्टूबर 2022 से लंबित था. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए वर्ष 2024 में त्रिपक्षीय वेज रिवीजन कमेटी का गठन किया गया. मंगलवार को श्रमिक संगठनों, मिल प्रबंधन और श्रम विभाग के बीच हुई बैठक में 2149 रुपये मासिक वेतन वृद्धि पर सर्वसम्मति बनी.
वेतन बढ़ोतरी से जुड़ी फाइल अब श्रमायुक्त कार्यालय से प्रमुख सचिव के पास भेजी जाएगी. श्रम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रमुख सचिव की स्वीकृति मिलते ही वेज रिवीजन का औपचारिक आदेश जारी कर दिया जाएगा. इसे केवल औपचारिक प्रक्रिया माना जा रहा है और जल्द ही इस पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है.
वेतन बढ़ोतरी के साथ-साथ कर्मचारियों को अक्टूबर 2022 से लंबित एरियर भी दिया जाएगा. अनुमान है कि प्रत्येक कर्मचारी को करीब 90 हजार रुपये तक का एरियर मिल सकता है. लंबे समय से रुके इस भुगतान से कर्मचारियों और उनके परिवारों को बड़ी आर्थिक राहत मिलेगी और नए साल की शुरुआत सकारात्मक माहौल में होगी.
इस सहमति में श्रमिक संगठनों की सक्रिय भूमिका अहम रही. इंटक और अन्य यूनियनों ने लगातार कर्मचारियों की समस्याएं उठाईं और वार्ता के दौरान मजबूती से पक्ष रखा. श्रमिक प्रतिनिधियों का कहना है कि यह फैसला कर्मचारियों के संघर्ष और संवाद का परिणाम है, जिसने सरकार और प्रबंधन को समाधान के लिए एक मंच पर लाया.
इंटक के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और आईएनडीडब्लूएफ के अध्यक्ष अशोक सिंह ने श्रमायुक्त के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि श्रमायुक्त ने कर्मचारियों की पीड़ा को गंभीरता से समझा और संतुलित निर्णय की दिशा में अहम भूमिका निभाई. उनके अनुसार, यह वेतन वृद्धि चीनी मिल कर्मचारियों के मनोबल को मजबूत करेगी और कार्यस्थल पर सकारात्मक असर डालेगी.