अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का 15 दिसंबर 2025 को निधन हो गया. वे मध्य प्रदेश के रीवा में थे, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली.
उनके जाने की खबर से संत समाज, राम भक्तों और राजनीतिक क्षेत्र में गहरा शोक छा गया. यहां तक कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर शोक जताया है.
डॉ. रामविलास वेदांती रीवा में रामकथा कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. वे 10 दिसंबर को वहां पहुंचे थे. अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई और सीने में दर्द की शिकायत हुई. उन्हें तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया.
डॉक्टरों ने काफी कोशिश की लेकिन वे बच नहीं सके. कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया कि एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई थी लेकिन कोहरे के कारण वह लैंड नहीं कर पाई.
डॉ. वेदांती राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे. उन्होंने इस मुद्दे को आम लोगों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई. पूर्व में भाजपा के सांसद रह चुके वेदांती ने संसद में और सड़कों पर राम मंदिर निर्माण की मांग जोरदार तरीके से उठाई.
बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में भी वे आरोपी थे लेकिन बाद में बरी हो गए. राम भक्तों के लिए उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा. उनके निधन को सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक दुनिया की बड़ी क्षति माना जा रहा है.
उनका पार्थिव शरीर रीवा से अयोध्या लाया जा रहा है. अयोध्या पहुंचने के बाद अंतिम दर्शन कराए जाएंगे और जल समाधि दी जाएगी. उनके शिष्य और सहयोगी इस काम में लगे हुए हैं.
श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 15, 2025
उनका जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व…
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. वेदांती के निधन पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि 'उनका जाना आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय हानि है. योगी जी ने कहा कि वेदांती जी का जीवन धर्म, समाज और राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित था, जो सभी के लिए प्रेरणा है.'
योगी ने आगे लिखा, 'उन्होंने प्रभु राम से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और शोक में डूबे परिवार को सहन करने की शक्ति दे.डॉ. रामविलास वेदांती का जाना राम मंदिर आंदोलन के एक महत्वपूर्ण अध्याय का अंत है. उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी.'