अयोध्या में ऐतिहासिक श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य 5 जून 2025 तक पूर्ण हो जाएगा और राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा 3 से 5 जून तक आयोजित होगी. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने एक इंटरव्यू में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह समारोह भव्य होगा, हालांकि इस बार अतिथिों की सूची अलग होगी.
प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "राम दरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को होगी... अनुष्ठान 3 जून से शुरू होंगे." इसके साथ ही, मंदिर परिसर में बने सात अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा भी उसी दिन होगी. पिछले साल 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. मिश्रा ने बताया कि मंदिर का निर्माण कार्य 5 जून तक पूरा हो जाएगा, सिवाय भगवान राम की कथा को दर्शाने वाली भित्ति चित्रों के, जो मंदिर के निचले हिस्से में लगाए जाएंगे.
'Pran Pratishtha' of Ram Darbar at Ayodhya temple to be performed from June 3 to 5: Construction Committee Chairman Nripendra Misra to PTI pic.twitter.com/YwW0bYWlIq
— Press Trust of India (@PTI_News) May 21, 2025
वीआईपी को नहीं किया जाएगा आमंत्रित
प्राण प्रतिष्ठा समारोह की भव्यता पर मिश्रा ने कहा, "प्राण प्रतिष्ठा समारोह हमेशा भव्य होते हैं. क्योंकि इसमें भगवान की प्रतिष्ठा और आह्वान किया जाता है." उन्होंने आगे कहा, "लेकिन इस बार अतिथि सूची अलग हो सकती है. पूजा करने वाले पुरोहित भी अलग हो सकते हैं. इसलिए यह पिछले समारोह जैसा नहीं होगा, लेकिन उद्देश्य वही रहेगा." ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि इस समारोह में राज्यों या केंद्र सरकार के वीआईपी को आमंत्रित नहीं किया जाएगा. विभिन्न संप्रदायों के आध्यात्मिक गुरुओं को बुलाने पर विचार हो रहा है.
कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं
मिश्रा ने मंदिर निर्माण के पीछे किसी भी राजनीतिक मंशा से इनकार किया. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई राजनीतिक चाल या उद्देश्य है. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुआ है और 500 साल से अधिक के संघर्ष के बाद यह क्षण आया है."
मंदिर जनता के लिए खुलेगा
मिश्रा ने बताया कि 5 जून के समारोह के एक सप्ताह के भीतर मंदिर के नए हिस्से जनता के लिए खोल दिए जाएंगे, जिससे श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे.