बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, जब पुलिस परेड ग्राउंड का इस्तेमाल एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए किया गया और एक मशहूर हिंदू कथावाचक को पुलिस ने औपचारिक सलामी दी. वायरल वीडियो में दिख रहा है कि बहराइच के पुलिस अधीक्षक (SP) आर. एन. सिंह खुद पुलिस परेड का नेतृत्व कर रहे हैं और जाने-माने कथावाचक आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दे रहे हैं. इन दृश्यों से तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं हुई हैं और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग और धर्म और राज्य के अलगाव पर गंभीर सवाल उठे हैं.
यह कार्यक्रम आधिकारिक पुलिस परेड ग्राउंड में हुआ, जो आमतौर पर पुलिस ट्रेनिंग और औपचारिक सरकारी समारोहों के लिए आरक्षित होता है. लाल कालीन बिछाए गए थे, वर्दी पहने पुलिसकर्मी कतार में खड़े थे और धार्मिक उपदेशक के आने पर उन्हें सलामी दी. बाद में, आचार्य पुंडरीक गोस्वामी को एक पोडियम से पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए भी देखा गया. इस घटना के छोटे वीडियो और रील्स सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए, जिससे सार्वजनिक बहस और तेज हो गई.
विरोध के बाद, बहराइच पुलिस ने सफाई दी. पुलिस के अनुसार, उपदेशक को पुलिस प्रशिक्षुओं को मोटिवेशनल टॉक देने के लिए बुलाया गया था, जो तनाव और मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रहे थे. अधिकारियों ने दावा किया कि कुछ कर्मियों ने पहले डिप्रेशन के कारण इस्तीफा दे दिया था और यह लेक्चर मनोबल बढ़ाने के लिए था. हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने इस स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया और इसे अस्वीकार्य बताया.
नगीना लोकसभा सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भारत एक संवैधानिक गणराज्य है, न कि कोई धार्मिक संस्था. उन्होंने तर्क दिया कि किसी धार्मिक व्यक्ति को पुलिस सलामी देना संविधान पर खुला हमला है और राज्य सरकार पर संवैधानिक मूल्यों से ऊपर धार्मिक आस्था को रखने का आरोप लगाया. समाजवादी पार्टी ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे संविधान और डॉ. बी. आर. अंबेडकर का अपमान बताया. पार्टी ने सवाल किया कि किस संवैधानिक अधिकार के तहत एक धार्मिक उपदेशक को ऐसा आधिकारिक सम्मान दिया गया.
मामले को गंभीरता से लेते हुए, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने जांच का आदेश दिया और बहराइच SP से लिखित स्पष्टीकरण मांगा. DGP कार्यालय ने साफ तौर पर कहा कि पुलिस परेड ग्राउंड का इस्तेमाल केवल अधिकृत ट्रेनिंग और आधिकारिक कार्यक्रमों के लिए किया जा सकता है. सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में SP के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई संभव है.
मूल रूप से वृंदावन के रहने वाले आचार्य पुंडरीक गोस्वामी एक युवा और लोकप्रिय धार्मिक कथावाचक हैं, जो बचपन से ही भागवत कथा सुना रहे हैं और खबरों के अनुसार उन्होंने विदेश में पढ़ाई की है. अपनी लोकप्रियता के बावजूद, इस घटना ने प्रोटोकॉल के उल्लंघन, सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग और सरकार के मामलों से धर्म को अलग रखने के संवैधानिक सिद्धांत पर राष्ट्रीय बहस फिर से शुरू कर दी है.