menu-icon
India Daily
share--v1

हाशिये पर दो बाहुबलियों का कुनबा, क्या मुख्तार फैमिली बचा पाएगी अपनी फायर?

Mukhtar Ansari: माफिया डॉन से राजनेता बने शहाबुद्दीन, अतीक अहमद का आज सियासी रसूख खत्म हो चुका है. इनके परिवार का ना ही पहले जैसा नाम रहा और न ही सियासी रसूख. अब सवाल उठता है कि क्या अंसारी परिवार का भी यही हश्र होगा.

auth-image
Pankaj Soni
Mukhtar Ansari, CM Yogi

Mukhtar Ansari : माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को मौत के बाद आज शनिवार को गाजीपुर में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. अब मुख्तार अंसारी का चैप्टर खत्म हो गया है. इसके बाद से गाजीपुर के सियासी गलियारे में चर्चा है कि मुख्तार के सुपुर्द-ए-खाक होने के बाद अंसारी परिवार की सियासी साख भी मिट्टी में मिल जाएगी. सहाबुद्दीन और अतीक अहमद की तरह क्या अंसारी परिवार का सियासी रसूख खत्म हो जाएगा.

क्या अंसारी परिवार में अब कोई नेता नहीं बचेगा. मुख्तार अंसारी की मौत के साथ ही अंसारी परिवार के राजनीतिक दबदबे का अब क्या होगा. मुख्तार की राजनीतक विरासत को कौन आगे बढ़ाएगा. इसके बारे में जानने के लिए हमें अंसारी परिवार के बारे में समझना होगा. 

मुख्तार के परिवार में कितने लोग बचे?

फिलहाल मुख्तार के परिवार में पांच लोग हैं जो उसके भाई, पत्नी, बेटे और बहू हैं. मुख्तार की सियासी बागड़ोर यही संभाल सकते हैं लेकिन ये पांच लोग भी कानून की नजरो में अपराधी हैं. इनमें से कोई जेल में बंद है, तो कोई फरार है और कोई जमानत पर बाहर है. ऐसे में अंसारी परिवार के पास राजनीति में खुलकर खेलने के लिए लिए पहले जैसा स्पेस नहीं बचा है. पूर्व की सपा और बसपा सरकार से इस परिवार को सपोर्ट मिलता था, लेकिन मौजूदा सरकार में ऐसा नहीं है. अंसारी परिवार के लोगों पर एक नजर डालकर मामले को समझाते हैं. 

1. आफशा अंसारी : मुख्तार अंसारी की पत्नी आफशा अंसारी पर 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं. वर्तमान में वह फरार चल रही है. उत्तर प्रदेश पुलिस उसकी तलाश में जुटी है. उस पर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. आफशा आईएस-191 गैंग की सदस्य है.  

2.अब्बास अंसारी : अब्बास अंसारी मुख्तार का बेटा है जिस पर आपराधिक मामले और संपत्ति पर कब्जे के आठ केस दर्ज हैं. वर्तमान में वह जेल में बंद है. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए मऊ से 2022 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव जीता था. अब्बास अंसारी निशानेबाजी में तीन बार का राष्ट्रीय चैंपियन है.  

3. उमर अंसारी : उमर अंसारी मुख्तार के बेटा है. उमर पर हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. इस पर 6 मुकदमें हैं, फिलहाल उमर जमानत पर बाहर है. लग्जरी गाड़ियों का शौक रखने वाला उमर अपने पिता के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है. 

4. निकहत बानो : निकहत माफिया मुख्तार अंसारी की बहू और विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी है. पुलिस ने निकहत को चित्रकूट जेल से गिरफ्तार किया था, जहां गैरकानूनी तरीके निकहत अब्बास अंसारी से मिलने गई थी. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उसे सशर्त जमानत दी थी. अबी वह जमानत पर बाहर है. 

5. शिबगतुल्ला : पूर्व विधायक शिबगतुल्ला मुख्तार अंसारी का बड़ा भाई है. शिबगतुल्ला पर चार आपराधिक मामले दर्ज हैं. फिलहाल वह जमानत पर बाहर है. 

अब परिवार में राजनीति कौन करेगा?

परिवार के इन पांच लोगों में तीन लोग जमानत पर बाहर हैं और पत्नी फरार है तो वहीं एक बेटा जेल में बंद हैं. अब मुख्तार के भाई अफजाल ही बचे हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं और इस बार सपा से गाजीपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. खासकर मुख्तार अंसारी का एक बेटा उमर अंसारी उसकी विरासत को आगे बढ़ाने में लगा है. इस बीच उमर के सामने चुनौती यह है कि राज्य में सरकार भी इनकी सहानुभूति वाली नहीं है और दूसरी समस्या यह है कि सियासी माहौल भी पहले जैसा नहीं है. ऐसे में अंसारी परिवार की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक हैसियत बढ़ाने की दिशा में बड़ी चुनौतियां हैं.  

माफिया डॉन अतीक के परिवार में कोई राजनीति करने वाला नहीं बचा

प्रयागराज और उसके आसपास के जिलों में माफिया डॉन से राजनेता बने अतीक अहमद और भाई अशरफ के नाम की तूती बोलती थी. दोनों भाई राजनीति, दंबगई, और गुंडा गर्दी में बड़े नाम थे. नाम ऐसा की सुनते ही काम हो जाता था. अतीक अहमद और उसके भाई पर हत्या, हत्या के प्रयास, जमीन हड़पने के दर्जनों मामले दर्ज थे. लेकिन सपा और बसपा सरकार में उनका कुछ नहीं हुआ. लेकिन जब काननू का शिकंजा कसा तो जेल और कोर्ट के चक्कर काटने लगे. 15 अप्रैल 2023 को दो लड़कों ने अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर पुलिस हिरासत में हत्या कर दी. इसके बाद से अतीक की राजनीतिक विरासत को संभालने वाली परिवार में अब कोई नहीं बचा. 

अतीक अहमद, अशरफ और असद अहमद की मौत की मौत हो चुकी है. इसके बाद माफिया अतीक की बीबी शाइस्ता परवीन फरार है और पुलिस ने उसके ऊपर इनाम घोषित कर रखा है. इसके अलावा बड़ा बेटा उमर है. वह लखनऊ जेल में बंद है. तिहरे हत्याकांड में उमर को साजिश में शामिल होने के आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा दो नाबालिग बेटे हैं, जो कुछ दिनों तक प्रशासन की अभिरक्षा में थे. अतीक अहमद कई बार विधायक और सांसद भी रह चुका था. जबकि उसका भाई अशरफ विधायक था. आज हालत यह है कि अतीक अहमद के घर में रहने के लिए कोई इंसान नहीं बचा है. फिलहाल अतीक अहमद के घर में अब कोई राजनीति में नहीं है. अतीक की मौत के साथ ही उसके परिवार का सियासी सफर भी फिलहाल के लिए थम गया है.

सिवान के डॉन मोहम्मद शहाबुद्दीन का रुतबा गायब हो गया 

बिहार के सिवान के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की तूती बोलती थी. बाहुबली नेता कहे जाने वाला शहाबुद्दीन अपराध की दुनिया का बड़ा नाम था. शहाबुद्दीन 1986 से मात्र 19 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में शामिल हो चुका था. जिसके बाद वो 24-25 साल की उम्र में सक्रिय राजानीति का भी एक बड़ा नाम बना. आज  शहाबुद्दीन के मरने के बाद वहां हालात बदल गए हैं. वामपंथी नेता छोटे शुक्‍ला का 1999 में अपहरण कर हत्‍या करवाने को दोषी पाए जाने पर शहाबुद्दीन को 2007 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई. शहाबुद्दीन 2 बार एमएलए और 4 बार एमपी रहा.

2004 में जेल जाने के बाद 2009 में उसकी पत्नी हिना शहाब चुनाव लड़ीं लेकिन वह हार गई. मो. शहाबुद्दीन के एक बेटे हैं जिनका नाम ओसामा शहाब है. वहीं दो बेटियां हैं, जिनमें एक डॉ. हेरा शहाब और दूसरी बेटी का नाम तस्लीम शहाब है. इनमें से कोई राजनीति में नहीं है. अब इस परिवार का शहाबुद्दीन के जमाने वाला राजानीतिक रसूख भी नहीं है.