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क्या होता है डिजिटल अरेस्ट, कैसे साइबर ठग इन दिनों मचा रहे लूट?

Digital Arrest के बारे में आपने कई बार सुना होगा. आज हम आपको एक नई मामले के बारे में बता रहे हैं जो आपको सतर्क रहने पर मजबूर कर देगा. चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से. 

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Digital Arrest

Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट के बारे में हमने कई बार सुना है और हैकर्स इसका काफी ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं. वैसे तो इसके कई मामले हमने आपको पहले भी बताए हैं और आज भी हम आपको एक ऐसे ही मामले के बारे में बता रहे हैं. नया मामला एक बुजुर्ग महिला के साथ हुआ है जिनके 45 लाख रुपये लूट लिए गए. चलिए जानते हैं इस मामले के बारे में विस्तार से. 

क्या है डिजिटल अरेस्ट का नया मामला: यह मामला दिल्ली के न्यू अशोक नगर का है. यहां रहने वाली डॉ. आरती चौधरी के साथ 6 मई को डिजिटल अरेस्ट की घटना हुई. इनके पास 6 मई को रात साढ़े नौ बजे एक कॉल आया और कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि वो फेडेक्स कूरियर सर्विस से बात कर रहा है. उसने अपना नाम ईशान वर्मा बताया. उसने महिला को कहा कि उसका एक पार्सल है जो मुंबई से थाईलैंड भेजा गया था. लेकिन वह नहीं जा पाया क्योंकि उसे कस्टम ने सीज कर लिया है. इस पार्सल में कई गैर-कानूनी सामान है जिसमें 140 ग्राम MDMA ड्रग्स, 5 पासपोर्ट, चार किलो कपड़े, दो क्रेडिट कार्ड हैं. 

जब महिला ने ये सब सुना और अपने नाम पर गैर-कानूनी चीजें होने की बात सुनी तो वह डर गई है. कॉल पर जो व्यक्ति था उसने मुंबई क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करने के लिए कहा. फिर कॉल को एक फेक क्राइम ब्रांच में में ट्रांसफर कर दी. इसके बाद जिसके पास कॉल कनेक्ट हुई उस व्यक्ति ने अपना नाम राजवीर बताया. उसने कहा कि उसका बयान लिया जाएगा और उसे वीडियो कॉल पर ही रिकॉर्ड किया जाएगा. इसके लिए उस व्यक्ति ने कहा कि उसे एक ऐप डाउनलोड करनी होगी. महिला ने ऐप डाउनलोड की और उसका आधार कार्ड भी चेक किया. 

इन लोगों ने महिला को ऐसे फंसाया कि उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का इल्जाम भी लगा दिया. इसके बाद एक तीसरे व्यक्ति के पास कॉल ट्रांसफर की गई जिसका नाम आदित्य केशव था. इस व्यक्ति ने महिला से कहा कि यह जांच 24 घंटे चलेगी और वो भी वीडियो सर्विलांस के जरिए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो महिला को 90 दिनों की कस्टडी में रखा जाएगा और वो भी मुंबई में. इस पर महिला 24 घंटे वाली कार्रवाई पर राजी हो गई. 

वीडियो कॉल पर लगातार स्कैमर्स बन रहे और महिला पर नजर रखी. इसके बाद उन्होंने महिला की बैंक डिटेल्स ली और उसके अकाउंट से सारे पैसे ट्रांसफर कराए. इस तरह महिला के अकाउंट से 45 लाख रुपये ट्रांसफर हो गए. फिर महिला को 5 लाख रुपये और ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. तब महिला को लगा कि उसके ठगी हुई है. 

जब महिला को लगा कि उसके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है को उसने 1930 पर कॉल किया. इस मामले की पूरी जानकारी साइबर पुलिस के पास दर्ज कराई. इसके बाद मामले को निपटाने के लिए टीम का गठन किया गया है और कहा गया है कि जांच करने के बाद जल्द ही आरोपियों को गिरफ्त में लिया जाएगा. 

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