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India Daily

आंधी-तूफान या जलवायु परिवर्तन! झांसी में सैकड़ों तोतों की मौत से हड़कंप, पोस्टमॉर्टम से खुलेगा मौत का राज

गुरुवार सुबह जब ग्रामीणों ने सिंगार गांव में सैकड़ों मरे हुए तोतों को जमीन पर बिखरा देखा, तो हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी. स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरणविदों ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
hundreds of parrots died due to storm in Jhansi

बुधवार रात उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आए भीषण तूफान और भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई. कहीं पेड़ उखड़ गए, तो कहीं होर्डिंग्स ढह गए. इस प्राकृतिक आपदा में 30 लोगों की जान चली गई. वहीं, झांसी के सिंगार गांव में तूफान के कारण 100 से अधिक तोतों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा तोते घायल हुए.

झांसी में तोतों पर कहर
गुरुवार सुबह जब ग्रामीणों ने सिंगार गांव में सैकड़ों मरे हुए तोतों को जमीन पर बिखरा देखा, तो हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी. वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद मृत तोतों को एक गड्ढे में दफनाने का काम शुरू किया गया. सोशल मीडिया पर मरे हुए तोतों की तस्वीरों और वीडियो ने लोगों को स्तब्ध कर दिया. वन विभाग ने कुछ तोतों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भी भेजा है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही तोतों के मरने की असल वजह का पता चल पाएगा.

पर्यावरणविदों की चिंता
स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरणविदों ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा, "लगातार बदलता मौसम और बेमौसम तूफान अब पक्षियों की जान ले रहे हैं." पर्यावरणविदों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक असंतुलन के कारण ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं. इस घटना ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है.

प्रशासन की कार्रवाई
वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया और घायल तोतों के इलाज की व्यवस्था शुरू की. विभाग ने यह भी आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में और सतर्कता बरती जाएगी. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.