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India Daily

 ‘तेरी औकात क्या है’ कहकर दलित युवक की पिटाई, जन्मदिन के दिन हुई शख्स की हत्या

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा इलाके में दलित समुदाय के एक युवक अनीकेत जाटव की मौत ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया है. अनीकेत पर 15 अक्टूबर की रात उसके जन्मदिन के जश्न के दौरान कथित तौर पर ऊंची जाति के युवकों ने हमला कर दिया था.

Greater Noida Dalit murder India Daily
Courtesy: X/@DhirendraGBN

उत्तर प्रदेश: UP के ग्रेटर नोएडा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां  रबूपुरा इलाके के एक दलित युवक अनिकेत जाटव की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. 15 अक्टूबर की रात को अपने जन्मदिन समारोह के दौरान कथित तौर पर ऊंची जाति के युवकों ने अनिकेत पर हमला किया था.

कई दिनों तक दिल्ली के एक अस्पताल में जिंदगी  और मौत से जूझने के बाद शुक्रवार को उसकी मौत हो गई. इस वारदात ने न सिर्फ इलाके में आक्रोश और शोक की लहर पैदा की है, बल्कि इसे लेकर राजनीतिक संग्राम भी तेज हो गया है. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर दलितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

जन्मदिन की रात बना मातम

अनीकेत जाटव, जो एक मैकेनिक और ड्राइवर का काम करता था, 15 अक्टूबर की रात अपने घर के पास दोस्तों के साथ जन्मदिन मना रहा था. तभी कुछ युवक आए और कथित तौर पर कहा कि तेरी औकात क्या है?” इसके बाद उन्होंने अनीकेत और उसके चाचा सुमित पर लोहे की रॉड और हॉकी स्टिक से हमला कर दिया.

सुमित ने बताया कि वो लोग पहले से ही धमकियां  दे रहे थे. अनीकेत ने कुछ दिन पहले रामलीला में एक दोस्त की तरफदारी की थी, जिससे विवाद बढ़ गया था. हमले के बाद अनीकेत को खून से लथपथ हालत में झाड़ियों के पीछे बेहोश पाया गया. उसे स्थानीय अस्पताल से दिल्ली रेफर किया गया, लेकिन शुक्रवार को उसकी मौत हो गई.

परिवार में मातम और आक्रोश

शुक्रवार को जब अनीकेत का शव मोहल्ला अंबेडकर में लाया गया, तो इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. परिवार न्याय की मांग पर अड़ा रहा और करीब एक घंटे तक बातचीत के बाद ही अंतिम संस्कार के लिए राजी हुआ. अनीकेत की मां का रो-रोकर बुरा हाल था. वह बार-बार कह रही थीं कि उन्होंने मेरे अन्नू को मार दिया… हमें मुआवजा नहीं चाहिए, हमें इंसाफ चाहिए, खून के बदले खून चाहिए.

रबूपुरा थाना प्रभारी सुजीत उपाध्याय ने बताया कि इस मामले में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से दो आरोपी- युवराज और जीतु को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि बाकी पांच की तलाश जारी है. पहले यह मामला साधारण मारपीट के तहत दर्ज किया गया था, लेकिन अनीकेत की मौत के बाद इसमें हत्या और अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराएं जोड़ दी गई हैं.

राजनीतिक सरगर्मी तेज

घटना के बाद इलाके में राजनीतिक हलचल बढ़ गई. भाजपा विधायक धीरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और मृतक के परिवार से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करवाई है और सीएम ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

हालांकि, विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि 17 वर्षीय दलित युवक अनीकेत को ऊंची जाति के गुंडों ने उसके जन्मदिन पर पीट-पीटकर मार डाला. ‘तेरी औकात क्या है’ यही कहते हुए उसे मारा गया. भाजपा की डबल इंजन सरकार दलितों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है.

उन्होंने आगे लिखा कि हर हफ्ते यूपी से दलितों की हत्या की खबरें आती हैं. मोदी और योगी सरकारों की संवेदनहीनता अब असहनीय है. बसपा और सपा के स्थानीय नेताओं ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात कर दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग की.

सामाजिक तनाव और जातिगत खाई

रबूपुरा इलाके में जाटव समुदाय की बड़ी आबादी है, जो दलित वर्ग से ताल्लुक रखती है. वहीं, आसपास के गांवों में ठाकुर और अन्य ऊंची जाति के परिवारों का दबदबा बताया जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि यहां भूमि और सामाजिक रिश्तों में ऊंच-नीच की दीवारें अब भी कायम हैं. अनीकेत के चाचा सुमित का कहना है कि झगड़े की शुरुआत एक महीने पहले रामलीला के दौरान हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने अनीकेत को उसकी औकात याद दिलाने की धमकी दी थी. दो दिन पहले भी उन्होंने उसे पत्थर से मारा था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.

अनीकेत की मौत के बाद उसका परिवार पूरी तरह टूट गया है. पिता बेरोजगार हैं और अनीकेत ही परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था. उसकी मां ने कहा कि वो पूरे दिन मोटरसाइकिलें ठीक करता था और जो भी मिलता, उससे घर चलता था. अब हमारा सहारा चला गया.” परिवार ने कहा कि वे किसी आर्थिक मदद की मांग नहीं कर रहे, बल्कि सिर्फ दोषियों को फांसी की सजा चाहते हैं.

पुलिस की कार्रवाई और जांच जारी

एसएचओ सुजीत उपाध्याय ने बताया कि घटना की गहन जांच चल रही है और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं. उन्होंने कहा कि हम सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल रिकॉर्ड्स की जांच कर रहे हैं. अनीकेत जाटव की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उत्तर प्रदेश में जातिगत हिंसा पर लगाम लगाई जा सकेगी. जबकि सरकार सख्त कार्रवाई का दावा कर रही है, परिवार और स्थानीय लोग अब भी न्याय की प्रतीक्षा में हैं.