Banke Bihari Temple Treasury Opened: धनतेरस के दिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पैनल के आदेश पर मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के बंद पड़े खजाने के कोठों (तोषखाना) को 54 वर्षों के बाद पहली बार खोला गया. रविवार को पुजारियों ने दावा किया कि एक सील बंद कमरे के लंबे डिब्बे में सोने-चांदी की ईंटें, कीमती रत्न और सिक्के बरामद हुए.
एक सोने की ईंट, तीन चांदी की ईंट मिलीं
मंदिर के पुजारी दिनेश गोस्वामी ने बताया, "टीम ने एक सोने की ईंट और तीन चांदी की ईंटें देखीं, जिन पर गुलाल लगा था. ये 3-4 फुट लंबी ईंटें तोषखाना के लंबे डिब्बे से निकलीं. इसके अलावा लाल-हरे रंग के रत्न, कीमती सिक्के और विभिन्न धातुओं के बर्तन भी मिले." मथुरा सदर डीएसपी संदीप सिंह ने कहा कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई, जिसमें पैनल सदस्य और पुलिस टीम मौजूद रही. एडीएम (वित्त एवं राजस्व) पंकज कुमार वर्मा ने दर्ज किया कि इन्हें 'पीली धातु' (सोना) और 'सफेद धातु' (चांदी) के रूप में रिकॉर्ड किया गया है. उन्होंने कहा कि पैनल के निर्देश तक विवरण सार्वजनिक नहीं होगा. इसके बाद कोठे दोबारा सील कर दिए गए.
🚨 BIG NEWS: Banke Bihari Temple’s treasury opened after 54 years on Dhanteras!
— Sudhendra Verma (@AdvSudhendra) October 19, 2025
😲 Officials & Goswami were stunned to discover two snakes and silver vessels emerging from the chamber.
🕵️♂️ A mysterious basement was also found inside the treasury, along with a letter dated 2nd… pic.twitter.com/ggMMkHt8oH
1971 से बंद थे कोठे
वर्मा ने बताया कि 29 अक्टूबर को पैनल की बैठक होगी, जिसमें खोजी वस्तुओं का मूल्यांकन, संरक्षण स्थल और भूमिगत कोठों की मरम्मत पर फैसला होगा. शनिवार को पहले दिन केवल पीतल के बर्तन और लकड़ी के सामान मिले थे. 1971 से बंद ये कोठे 1864 में बने थे, जिनमें 19वीं सदी के राजकीय उपहार जैसे मोराकृति पन्ना हार, चांदी का शेषनाग, नव रत्न युक्त स्वर्ण कलश, भरतपुर-करौली-ग्वालियर के दान, पुराने दस्तावेज और पत्र शामिल माने जाते हैं.
ब्रिटिश काल में हुई थी चोरियां
ब्रिटिश काल में 1926 व 1936 में चोरियां हुईं, उसके बाद मुख्य द्वार सील हो गया. अधिकारियों ने स्थानीयों को बताया कि पुराना धन अब तक नहीं मिला.
मंदिर प्रबंधन पर सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
पैनल सदस्य शैलेंद्र गोस्वामी ने कहा, "वहां धन संग्रह नहीं, भगवान को समर्पित वस्तुएं हैं. नकद दान बैंक में जमा होता है." इस साल सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अशोक कुमार की अगुवाई में पैनल गठित किया. 12 सितंबर को कोठे खोलने का आदेश हुआ. गोस्वामी समुदाय ने विरोध किया, लेकिन कोर्ट ने यूपी श्री बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश-2025 पर रोक लगाई. यह अध्यादेश राज्य नियंत्रित ट्रस्ट बनाने का था, जिसे पारंपरिक सेवायतों ने चुनौती दी. कोर्ट ने हाईकोर्ट को एक वर्ष में फैसला करने को कहा. यह खोज मंदिर की ऐतिहासिक विरासत को नई जिंदगी दे रही है, भक्तों में श्रद्धा बढ़ा रही है.