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India Daily

Ganga E-way Construction: 24 घंटे में दो वर्ल्ड रिकॉर्ड! UP के गंगा एक्सप्रेसवे पर बना भारत का नया गौरवशाली इतिहास

Ganga E-way Construction: NHAI ने दो रिकॉर्ड बनाए, हरदोई-उन्नाव डिवीजन में 24 घंटे में 34.24 किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट बिछाकर पहला रिकॉर्ड बनाया और एक दिन में 10 किमी थ्री बीम क्रैश बैरियर लगाकर दूसरा रिकॉर्ड बनाया.

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Edited By: Anvi Shukla
Ganga Expressway construction
Courtesy: social media

Ganga E-way Construction: उत्तर प्रदेश के महत्वाकांक्षी गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना ने बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. इस 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर 24 घंटे के भीतर दो विश्व रिकॉर्ड बनाए गए हैं. पहला रिकॉर्ड हरदोई-उन्नाव खंड (पैकेज-3) में 34.24 लेन किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट बिछाकर बनाया गया, जबकि दूसरा रिकॉर्ड एक ही दिन में 10 किलोमीटर थ्री बीम क्रैश बैरियर लगाने का है.

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने मौके पर जाकर इन रिकॉर्ड्स की पुष्टि की और आधिकारिक प्रमाण पत्र भी जारी किए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी बधाई

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए कहा

कैसे बना पहला रिकॉर्ड?

पहला रिकॉर्ड हरदोई-उन्नाव खंड में बनाया गया, जहां मात्र 24 घंटे में 34.24 लेन किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट बिछाया गया. इसमें कुल 1,71,210 वर्ग मीटर क्षेत्र में 20,105 घन मीटर मिक्स का इस्तेमाल किया गया. इससे पहले का रिकॉर्ड 27 लेन किलोमीटर था, जो 2023 में गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे पर बना था. इस कार्य में 200 टीपीएच क्षमता वाले पांच हॉट मिक्स प्लांट का उपयोग हुआ.

एक दिन में लगे 10 किलोमीटर क्रैश बैरियर

दूसरा रिकॉर्ड थ्री बीम क्रैश बैरियर लगाने में बना, जिसमें मात्र एक दिन में 10 किलोमीटर लंबाई में बैरियर्स लगाए गए. एक्सप्रेसवे निर्माण के इतिहास में यह पहली बार हुआ है. एक्सप्रेसवे की राइड क्वालिटी और उपयोगकर्ता सुविधा की जांच स्विट्जरलैंड की ईटीएच ज़्यूरिख द्वारा विकसित कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक से की जा रही है.

कौन-कौन हैं निर्माण से जुड़े?

इस परियोजना का निर्माण कार्य अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड कर रही है जबकि रिकॉर्ड बनाने वाला कार्य पटेल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा किया गया. इस पूरे प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन यूपीईडा (UPEIDA) द्वारा किया जा रहा है और इसके नवंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है.