गाजियाबाद, 18 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में इंदिरापुरम क्षेत्र में एक प्रमुख फास्ट-फूड चेन KFC के आउटलेट के बाहर हिंदू रक्षा दल (HRD) के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन ने सुर्खियां बटोरी हैं. इस घटना के बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है और उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है. यह प्रदर्शन कांवड़ यात्रा के दौरान मांसाहारी भोजन परोसने के विरोध में किया गया था.
हिंदू रक्षा दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इंदिरापुरम के KFC आउटलेट के बाहर एकत्र होकर “जय श्री राम” और “हर हर महादेव” जैसे नारे लगाए. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियोज में कार्यकर्ताओं को आउटलेट का शटर बंद करते और रेस्तरां के कर्मचारियों से बातचीत करते दिखाया गया है. प्रदर्शनकारी कांवड़ यात्रा के दौरान मांसाहारी भोजन परोसने पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे. हिंदू रक्षा दल के प्रमुख पिंकी चौधरी ने इस प्रदर्शन के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा, “हमारा संदेश स्पष्ट है. हम सभी मांसाहारी भोजन की दुकानों से कांवड़ यात्रा के दौरान ऐसा भोजन परोसने से परहेज करने का अनुरोध कर रहे हैं. अगर वे खुले रहना चाहते हैं, तो उन्हें केवल शाकाहारी व्यंजन ही परोसने चाहिए.” कार्यकर्ताओं ने मांग की कि श्रावण मास के पवित्र समय में रेस्तरां या तो बंद रहें या केवल शाकाहारी भोजन परोसें.
सावन का महीना और कांवड़ यात्रा, ऐसे में गाजियाबाद के इंदिरापुरम में करारे लैगपीस के पहचान रखने वाले केएफसी ने ब्रांच ओपनिंग की, लेकिन हिंदू रक्षा दल ने हर हर महादेव बोलकर KFC को बंद करा दिया और कहा कि सावन के महीने में हर जगह यह बंद होना चाहिए. #kfc #Ghaziabad #sawan #kanwar pic.twitter.com/B3SeyIc85q
— Nitin Sabrangi (@NitinSabrangi) July 18, 2025
पुलिस की कार्रवाई और FIR
घटना की गंभीरता को देखते हुए ट्रांस हिंडन के डीसीपी निमिष पाटिल ने त्वरित कार्रवाई की. उन्होंने बताया कि जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू की गई है, जिसके तहत सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. डीसीपी ने कहा, “हम घटना में शामिल आरोपियों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं.” पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत 10 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की है. यह धारा किसी लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा करने से संबंधित है. कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है.
आगे की जांच और प्रभाव
पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है और वायरल वीडियोज के आधार पर आरोपियों की पहचान करने का प्रयास कर रही है. इस घटना ने स्थानीय समुदाय और व्यवसायों के बीच बहस छेड़ दी है कि धार्मिक भावनाओं और व्यावसायिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए.