Mosque on Govement Land: उत्तर प्रदेश में आए दिन कोई नया खुलासा हो रहा है. कभी 500 साल पुराने मंदिर का पता चल रहा है तो कभी बिजली चोरी के पोल खोले जा रहे हैं. अब यूपी पुलिस ने अपनी जांच में एक नया खुलासा किया है.
यूपी के तिलमास गांव में मछली पालन के लिए पट्टे पर दिए गए सरकारी तालाब की जमीन पर मस्जिद के विस्तार का मामला सामने आया है. अतिक्रमण की शिकायत सोशल मीडिया (एक्स) पर की गई थी, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की.
मामले पर एक्शन लेते हुए प्रशासन की ओर से मस्जिद कमेटी के लोगों को चेतावनी दी गई, जिसके बाद सोमवार की रात को मस्जिद के 60 प्रतिशत हिस्से पर खुद मुसलमान समुदाय के लोगों ने हथौड़ा चला दिया. जिसके बाद बचा हुआ शेष ध्वस्तीकरण आज यानी मंगलवार को होगा. मिल रही जानकारी के मुताबिक सरकारी जमीन शहला बेगम को 10 साल के लिए दिया गया था. वहां पर पहले से ही मस्जिद बनी थी. लेकिन कुछ समय पहले तालाब को धीरे-धीर भर कर मस्जिद का विस्तार किया जाने लगा.
मामले की शिकायत मिलने के बाद एसडीएम तृप्ति गुप्ता, सीओ अंजनी कुमार तिवारी फोर्स लेकर पहुंचे. जहां मस्जिद का विस्तार देखा गया. साथ ही तालाब के पास 12 अन्य मकानों का भी विस्तार पाया गया. जिनमें अधिकतर हिंदू परिवार रहते हैं. इन परिवारों को भी चेतावनी दी गई है कि वे जल्द से जल्द अवैध कब्जा हटा लें. आदेश को नहीं मानने वालों पर सरकार सख्त एक्शन लेगी. प्रशासन की ओर से इस मामले की जानकारी देते हुए बताया गया कि शिकायत मिलने के बाद लोगों को चेतावनी दी गई. उन्होंने कहा कि तालाब में पानी है जिसके कारण तुरंत नापजोख कराना संभव नहीं है. इसलिए अभी भी कह रहे हैं यदि किसी भी व्यक्ति ने तालाब पर अतिक्रमण किया है तो उसे तुरंत हटा लें, अगर नापखोज के बाद अतिक्रमण की पुष्टि की जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद दर्जनों मुसलमानों ने मिलकर मस्जिद के अतिक्रमण वाले हिस्से को खुद ही ढहा दिया. एसडीएम ने बताया कि किसी भी हाल में माहौल न बिगड़े, इसलिए फोर्स की तैनाती की गई है.
बरेली विकास प्राधिकरण ने अवैध निर्माण रोकने के लिए ड्रोन तकनीक अपनाने का निर्णय लिया है. जिसकी मदद से शहर के कोने-कोने में अवैध निर्माण पर नजर रखी जाएगी. इसके माध्यम से अभियंताओं और सुपरवाइजरों की लापरवाही पर लगाम लगेगी. आधुनिक तकनीक से निगरानी ज्यादा सटीक और पारदर्शी होगी. मिल रही जानकारी के मुताबिक एक निजी बैंक के सहयोग से एजेंसी ड्रोन सर्वे करेगी. सरकारी भूमि पर अतिक्रमण रोकने और शहर में अवैध निर्माण पर सख्ती के लिए प्रशासन ने सक्रिय कदम उठाए हैं. ड्रोन तकनीक के उपयोग से निगरानी और सख्त तथा पारदर्शी हो सकेगी.