आगरा: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य के भाई की अचानक हुई मौत से पूरे इलाके में शोक और चर्चा का माहौल है. जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मंत्री के भाई की खून की जांच के दौरान लाइन में खड़े-खड़े हार्ट अटैक से मौत हो गई. हैरानी की बात यह है कि कुछ ही देर पहले उनका ECG हुआ था, जिसमें हार्ट अटैक की कोई पुष्टि नहीं हुई थी.
मृतक की पहचान बेलनगंज निवासी 61 वर्षीय उमेश कुमार के रूप में हुई है, जो जूता कारखाना चलाते थे. बताया गया है कि उमेश कुमार को पेट दर्द और बेचैनी की शिकायत थी. दोपहर के समय वह अकेले ही स्कूटर से जिला अस्पताल पहुंचे थे. वहां उनके एक परिचित कर्मचारी ने उन्हें डॉक्टर आशीष मित्तल को दिखाया. जांच के बाद डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी.
इस दौरान उनकी बेचैनी और बढ़ गई, जिसके बाद ब्लड प्रेशर की जांच की गई. ब्लड प्रेशर 169 आने पर डॉक्टरों ने एहतियात के तौर पर ईसीजी और खून की जांच कराने को कहा. भूतल पर कमरा नंबर 16 में उनका ईसीजी किया गया, जिसमें हार्ट अटैक की पुष्टि नहीं हुई. इसके बाद वह पास ही स्थित कमरा नंबर 3 के बाहर खून की जांच के लिए लाइन में खड़े हो गए.
दोपहर करीब एक बजे अचानक उनकी हालत बिगड़ गई और वह वहीं गिर पड़े. मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने तुरंत उन्हें इमरजेंसी वार्ड में पहुंचाया. सूचना मिलते ही डॉक्टरों की टीम इमरजेंसी में पहुंच गई. जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके अरोड़ा के अनुसार मरीज को CPR दिया गया और दिल की धड़कन शुरू करने के लिए शॉक भी दिया गया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. डॉक्टरों ने हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि की.
घटना की सूचना मिलते ही भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया. मंत्री बेबी रानी मौर्य ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने भाई के निधन की जानकारी दी. इसके बाद शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए लोग उनके आवास पर पहुंचने लगे.
बताया जाता है कि हार्ट अटैक के इलाज के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज को बड़ा सेंटर माना जाता है और डॉक्टरों को वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ा गया है. मंत्री के भाई की तबीयत बिगड़ने पर इमरजेंसी में फिर से ईसीजी किया गया और रिपोर्ट साझा की गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. इस घटना ने जिला अस्पताल की आपात चिकित्सा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.