CDS Anil Chauhan Stateme: गोरखपुर में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने सुरक्षा चुनौतियों पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत के सामने चीन के साथ सीमा विवाद सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है और यह लंबे समय तक जारी रहने वाला है. सीडीएस चौहान ने कहा कि चुनौतियां अस्थायी नहीं होतीं, वे अलग-अलग रूप में सामने आती रहती हैं. उन्होंने साफ तौर पर कहा, 'मुझे लगता है कि चीन के साथ सीमा विवाद भारत की सबसे बड़ी चुनौती है और यह आगे भी बनी रहेगी.'
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की ‘प्रॉक्सी वॉर’ भारत के लिए दूसरी बड़ी चुनौती है. पाकिस्तान हमेशा से ‘हजार जख्म देकर भारत को खून बहाने’ की नीति पर काम करता रहा है. इसी रणनीति के तहत वह आतंकवाद और घुसपैठ को बढ़ावा देता है. सीडीएस ने कहा कि अब युद्ध के स्वरूप भी बदल गए हैं. लड़ाई केवल जमीन तक सीमित नहीं रही, बल्कि साइबर और अंतरिक्ष भी युद्ध के नए क्षेत्र बन गए हैं.
#WATCH | UP | At an event in Gorakhpur, Chief of Defence Staff General Anil Chauhan says, "...India and Pakistan learned different lessons after the Balakot operation. India focused on long-range precision strike weapons and post-strike damage assessment, and Pakistan might have… pic.twitter.com/Is2YLiwaCK
— ANI (@ANI) September 5, 2025Also Read
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उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत के दोनों प्रमुख विरोधी देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला हमेशा चुनौतीपूर्ण रहेगा. अपने संबोधन में उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र किया, जिसे भारत ने इस साल मई में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाने के लिए अंजाम दिया था. यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी. उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर का मकसद बदला लेना नहीं था, बल्कि धैर्य की एक लाल रेखा खींचना था.'
जनरल चौहान ने बताया कि इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल था और यह एक मल्टी-डोमेन ऑपरेशन था, जिसमें साइबर युद्ध के साधनों का भी इस्तेमाल हुआ. उन्होंने स्पष्ट किया कि सेना को इस दौरान पूरी तरह से ऑपरेशनल स्वतंत्रता दी गई थी, चाहे वह योजना बनाना हो या लक्ष्य तय करना. गोरखपुर दौरे के दौरान CDS चौहान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गोरखा वॉर मेमोरियल के पुनर्निर्माण और गोरखा म्यूजियम की आधारशिला रखी. इसके अलावा उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की.