Tauqeer Raza: तौकीर रजा के प्रदर्शन में हिंसा के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा, होटल को किया गया सील
उत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मोहम्मद' अभियान के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी. पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा खान समेत 39 लोगों को गिरफ्तार किया. विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव, आगजनी और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की घटनाएं हुईं. 180 नामजद और 2,500 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
Tauqeer Raza Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मोहम्मद' अभियान के समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में हिंसा भड़क उठी. हिंसा के बाद, स्थानीय अधिकारियों ने पूरे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है. शनिवार रात पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा खान और उनके सात सहयोगियों समेत 39 लोगों को गिरफ्तार किया.
बरेली के कोतवाली क्षेत्र में एक मस्जिद के बाहर 'आई लव मुहम्मद' के पोस्टर लिए भीड़ और पुलिस के बीच झड़प के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. भीड़ कथित तौर पर तौकीर रजा द्वारा प्रस्तावित प्रदर्शन रद्द किए जाने से नाराज थी. पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी. इसके बाद हुई हिंसा में पथराव, आगजनी और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की घटनाएं शामिल थीं. अधिकारियों ने 180 पहचाने गए व्यक्तियों और 2,500 से ज्यादा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए हैं.
होटल सील और हिरासत में तौकीर रजा
इस अशांति के दौरान, स्काई लार्क होटल में ठहरे मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया गया. अधिकारियों ने होटल का निरीक्षण किया और पाया कि इसके कुछ हिस्से अवैध हैं, जिसके कारण बरेली विकास प्राधिकरण ने इसे सील कर दिया. गिरफ्तारी के बाद, तौकीर रजा और उनके साथियों को अदालत में पेश किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. उन्हें फतेहगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया है.
पड़ोसी जिलों में हाई अलर्ट
बरेली में, खासकर दरगाह-ए-आला हजरत के आसपास, सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. आगे की अशांति को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को 48 घंटों के लिए बंद कर दिया गया है. अधिकारियों ने पड़ोसी ज़िलों जैसे रामपुर, पीलीभीत, शाहजहाँपुर और अन्य ज़िलों को भी हाई अलर्ट पर रखा है, क्योंकि रज़ा के कई समर्थक वहाँ रहते हैं.
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक प्रतिक्रिया और तनाव
मौलाना तौकीर रजा और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी से राजनीतिक आक्रोश फैल गया है. जमात-ए-इस्लामी हिंद संगठन ने गिरफ्तारियों की निंदा करते हुए उन्हें अन्यायपूर्ण और राजनीति से प्रेरित बताया. उनका तर्क था कि 'आई लव मुहम्मद' अभियान केवल आस्था की अभिव्यक्ति थी और इसे आपराधिक नहीं माना जाना चाहिए. उन्होंने राज्य की शक्ति के चुनिंदा इस्तेमाल की भी आलोचना की और सरकार से आरोप वापस लेने और गिरफ्तार लोगों को रिहा करने का आग्रह किया.
बरेली में तनाव अन्य ज़िलों में भी फैल गया है. बाराबंकी में, 'आई लव मुहम्मद' लिखा एक बैनर फाड़े जाने के बाद, सांप्रदायिक तनाव भड़क गया, जिसके बाद पुलिस को गिरफ्तारियाँ करनी पड़ीं और शांति बहाल करनी पड़ी.
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