अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 25 नवंबर (मंगलवार) का दिन एक ऐतिहासिक पल बनने जा रहा है. राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद मंदिर के शिखर पर पवित्र ध्वज फहराया जाएगा. यह क्षण न सिर्फ धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को एक नई ऊंचाई देने वाला है.
त्यौहार जैसे माहौल और लाखों भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने खास इंतजाम किए हैं. 23 नवंबर (रविवार) की आधी रात से भारी वाहनों को अयोध्या में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. शहर के कई मार्गों पर रूट डायवर्जन लागू किए गए हैं ताकि मंदिर परिसर के आसपास भीड़-भाड़ न बढ़े और यातायात सुचारू रहे.
राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराने का शुभ समय सुबह 11:55 बजे तय किया गया है. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे. मंदिर निर्माण से जुड़े प्रमुख संस्थानों और एजेंसियों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे.
जय श्रीराम🙏
अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर आज अपनी पूरी भव्यता के साथ खड़ा है। ✨🛕
क्योंकि, वीर कारसेवकों ने भय के स्थान पर त्याग को चुना और भक्तों ने मौन के स्थान पर धर्म को और अब 25 नवंबर को मंदिर में धर्म ध्वजा की स्थापना होने जा रही है।🚩 pic.twitter.com/2FrgzJkkKY— BJP (@BJP4India) November 22, 2025Also Read
समारोह से पहले अयोध्या नगर निगम ने पूरे शहर में विशेष सफाई अभियान चलाया है. सारयू नदी के घाटों पर खास ध्यान दिया गया है सफाई, रोशनी और सजावट सभी का काम तेजी से पूरा किया गया है. पूरा शहर दिव्य और भव्य रूप में सज चुका है ताकि आने वाले श्रद्धालुओं और मेहमानों का स्वागत शानदार तरीके से किया जा सके.
सीएम योगी ने प्रदेशवासियों को संदेश देते हुए कहा, '25 नवंबर 2025 को अयोध्या धाम का नाम फिर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. प्रभु श्रीराम के जीवन मूल्यों से प्रेरित होकर हो रहा यह ध्वज प्रतिष्ठापन उत्तर प्रदेश में शांति, समृद्धि और खुशहाली का नया युग लाएगा. जय श्री राम.'
मेरे प्रिय प्रदेश वासियों,
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 23, 2025
25 नवंबर, 2025 को श्री अयोध्या धाम का नाम पुनः इतिहास के पृष्ठ पर स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगा।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन से श्री अयोध्या धाम में हो रहा हर कार्य प्रभु श्री राम के जीवन मूल्यों से प्रेरित है।
मेरी यही… pic.twitter.com/jQSwKtLXJ4
ध्वजारोहण का यह आयोजन सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि नव–अयोध्या की झलक भी है. आयोध्या मास्टर प्लान 2031 और विजन 2047 के तहत शहर को दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनाने की तैयारी है.
ये सभी परियोजनाएं अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी बनाने का मार्ग तैयार कर रही हैं.
अयोध्या में परंपरा और प्रकृति को मिलाकर कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं
पूरे अयोध्या में धार्मिक पर्यटन, त्योहारों, स्थानीय कला और हस्तशिल्प से जुड़े रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं. यह आयोजन शहर के आर्थिक विकास, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव को और बढ़ावा देगा.