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अयोध्या में दीपोत्सव ने रचा इतिहास, 26 लाख दीयों से जगमगाई रामनगरी, बना नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

Ayodhya Deepotsav 2025: भव्य दीपोत्सव में 26 लाख से अधिक दीये प्रज्वलित किए गए और यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. यह भव्य आयोजन श्रद्धा, आस्था और भक्ति का प्रतीक बनकर इतिहास के पन्नों में भी दर्ज हो गया है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Ayodhya Deepotsav 2025
Courtesy: X

Ayodhya Deepotsav 2025: भगवान राम की पावन नगरी अयोध्या एक बार फिर मिट्टी के दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। रविवार को छोटी दिवाली के अवसर पर यहां आयोजित भव्य दीपोत्सव में 26 लाख से अधिक दीये प्रज्वलित किए गए और यह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. यह भव्य आयोजन श्रद्धा, आस्था और भक्ति का प्रतीक बनकर इतिहास के पन्नों में भी दर्ज हो गया है. 

बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार हर वर्ष दीपोत्सव का आयोजन करती है. यह उत्सव न केवल भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या आगमन की स्मृति में मनाया जाता है, बल्कि इस नगरी को एक वैश्विक आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रतीक भी बन चुका है.

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के हजारों स्वयंसेवक एक साथ जुटे

इस वर्ष दीपोत्सव को और भी भव्य बनाने के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के हजारों स्वयंसेवक एक साथ जुटे. सुबह से ही राम की पैड़ी पर दीये सजाने की तैयारियां शुरू हो गई थीं. स्वयंसेवकों ने मिट्टी के दीयों में बाती और तेल डालकर उन्हें सजाया. शाम होते ही लाखों दीयों की लौ एक साथ टिमटिमाई और घाटों को सुनहरी रोशनी से नहला दिया.

दीपोत्सव के दौरान उत्साह से भरे लोगों ने राम की पैड़ी पर दीये जलाए, जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. इस अवसर पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के निर्णायक रिचर्ड स्टेनिंग भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि रिकॉर्ड बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष सत्यापन प्रणाली लागू की गई थी. स्टेनिंग ने कहा कि प्रत्येक प्रतिभागी की प्रविष्टि को क्यूआर कोड के माध्यम से ट्रैक किया गया और हर क्षेत्र की बारीकी से निगरानी की गई. इसी वजह से रिकॉर्ड बनाने की प्रक्रिया बेहद पारदर्शी और व्यवस्थित रही.

हर वर्ष एक नया इतिहास रच रहा है अयोध्या का दीपोत्सव

अयोध्या का दीपोत्सव हर वर्ष एक नया इतिहास रचता आ रहा है. इस बार 26 लाख से अधिक दीयों की जगमगाहट ने पूरी रामनगरी को दैदीप्यमान बना दिया और श्रद्धालुओं के लिए यह एक अनोखा क्षण बन गया.