Ayodhya Deepotsav: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विपक्ष पर तीखा प्रहार किया और उस पर सनातन धर्म का बार-बार अपमान करने और राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन में बाधा डालने का आरोप लगाया. मंदिर नगरी अयोध्या में दीपोत्सव 2025 समारोह से पहले एक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने 2017 में त्योहार की शुरुआत को याद किया, जब उन्होंने कहा, सरकार को केवल 1.71 लाख दीप जलाने के लिए राज्य भर से दीप एकत्र करने पड़े थे.
सीएम योगी ने कहा, आज अयोध्या लाखों दीपों से जगमगा रही है. ये सिर्फ दीप नहीं हैं ये 500 वर्षों के अंधकार पर आस्था की जीत के प्रतीक हैं. योगी ने कांग्रेस पर भगवान राम के अस्तित्व को नकारने और सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर उन्हें मिथक बताने का आरोप लगाया. उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि इसी अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलाई गईं.
विपक्ष पर बरसे सीएम योगी
योगी ने विपक्षी दलों पर राम जन्मभूमि मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा में शामिल न होने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जो बाबर की कब्र पर सजदा करते हैं, लेकिन आमंत्रित किए जाने पर राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया.
#WATCH | Ayodhya: Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, "Every lamp reminds us that truth can be troubled but cannot be defeated. It is the destiny of truth to be victorious, and with that destiny of victory, Sanatana Dharma has continuously struggled for 500 years. As a result… pic.twitter.com/eIW4LYbTZh
— ANI (@ANI) October 19, 2025
समाजवादी पार्टी ने इसी अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलवाई-सीएम योगी
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा, "जब हम अयोध्या को लाखों दीपों से जगमगा रहे हैं, तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान, कांग्रेस पार्टी ने अदालत में कहा था कि भगवान श्री राम एक मिथक हैं. कांग्रेस पार्टी ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा देकर कहा था कि श्री राम एक मिथक हैं और समाजवादी पार्टी ने इसी अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं. ये वही लोग हैं जो बाबर की कब्र पर प्रार्थना करते हैं, लेकिन जब उन्हें अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समारोह में आमंत्रित किया जाता है, तो वे निमंत्रण अस्वीकार कर देते हैं. "
उन्होंने आगे कहा, "सदियों से विदेशी आक्रांताओं ने हमारे आस्था स्थलों को नष्ट करने और हमें अपमानित करने का प्रयास किया, लेकिन हमारी आस्था अटल रही. 1947 में, जब हमें आज़ादी मिली, तो हर नागरिक गुलामी के सभी प्रतीकों को मिटाकर राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से स्वतंत्र होना चाहता था, फिर भी अयोध्या की उपेक्षा की गई. 1949 में, जब भक्त भगवान राम को उनके उचित स्थान पर लाना चाहते थे, तो उन्हें मना कर दिया गया. लेकिन हमारा संकल्प अटल रहा. "
इस बीच अयोध्या दीपोत्सव मनाने के लिए पूरी तरह सज-धज कर तैयार है. शहर को 26 लाख से ज़्यादा मिट्टी के दीयों से जगमगाने की तैयारी ज़ोरों पर है. राम की पैड़ी और 56 घाटों को रोशन करने के लिए कुल 26,11,101 दीये जलाए जा रहे हैं.