Sarvodaya Vidyalaya News: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले स्थित सर्वोदय विद्यालय की 12 छात्राओं ने देश की सबसे कठिन मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET को पास कर सबको चौंका दिया है. इन सभी बेटियों का संबंध मजदूरों और किसानों के परिवारों से है. उन्होंने मुफ़्त आवासीय कोचिंग लेकर यह मुकाम हासिल किया.
प्रिंसी, जो एक खेत मजदूर की बेटी हैं, को कभी नहीं लगा था कि डॉक्टर बनने का सपना हकीकत बनेगा. पूजा रंजन, सोनभद्र की किसान की बेटी, मेडिकल कॉलेज तक पहुंचने की सोच भी नहीं सकती थीं. कौशांबी की श्वेता, जो साइकिल सीट कवर की दुकान में पली-बढ़ीं, कभी 'सरकारी स्कूल' से आगे नहीं सोच पाईं. लेकिन आज ये तीनों बेटियां NEET पास कर चुकी हैं.
इन सभी छात्राओं को मिर्जापुर के मड़िहान स्थित सर्वोदय विद्यालय में आवासीय कोचिंग मिली. यहां कक्षा 6 से 12 तक पढ़ाई के साथ हॉस्टल की सुविधा भी है. सामाजिक कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया, 'इन छात्राओं को रोजाना स्कूल के बाद विशेष NEET कोचिंग दी गई, जो पूरी तरह मुफ्त थी.'
NEET कोचिंग की शुरुआत 2024 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हुई थी. इस उपलब्धि में टाटा एआईजी और पूर्व नवोदय फाउंडेशन ने महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया. चयनित छात्राओं को माता-पिता की सहमति से मड़िहान सर्वोदय विद्यालय में शिफ्ट किया गया.
पूजा कहती हैं, 'कोचिंग बहुत उच्च स्तर की थी. नियमित टेस्ट से काफी मदद मिली.' श्वेता भी कहती हैं, 'मैं आज भी यकीन नहीं कर पा रही हूं कि मैं पास हो गई.' प्रिंसी बताती हैं, 'मेहनत और सरकार की मदद से मेरा सपना पूरा हुआ.'
अब इस मॉडल को यूपी के अन्य 100 सर्वोदय विद्यालयों में लागू करने की योजना है. सामाजिक कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत ने मड़िहान को 'एक्सीलेंस का सेंटर' बताया और कहा कि यह सफलता बदलाव की शुरुआत है.