Udaipur files case: राजस्थान के उदयपुर में 2022 में दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या ने पूरे देश को हिला दिया था. इसी कांड पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ हाल ही में रिलीज हुई, जिसके पोस्टर मेरठ में कुछ लोगों ने जलाए और उस पर आपत्तिजनक व्यवहार किया. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और AIMIM पार्षद सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
मेरठ के थाना लिसाड़ीगेट क्षेत्र के इस्लामाबाद इलाके में यह मामला सामने आया. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखा कि ‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म का पोस्टर जलाया गया और उसे जूतों से रौंदा गया. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि यह हरकत हिंदू समाज की भावनाओं और मृतक कन्हैया लाल का अपमान है. इसी आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 के तहत प्राथमिकी दर्ज की.
पुलिस ने वीडियो और शिकायत के आधार पर AIMIM पार्षद फजल करीम, अनीस, शाहिद और कासिम को अरेस्ट कर लिया है. थाना प्रभारी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है और मामले में आगे की कार्रवाई सबूतों के आधार पर की जाएगी.
दरअसल अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन सिरोही ने थाना पुलिस को तहरीर दी थी. सिरोही का कहना है कि वे 23 अगस्त को मेरठ के एक मॉल में हिंदू समाज के लोगों को यह फिल्म दिखा रहे थे. तभी से उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने वीडियो का हवाला देकर कहा कि इस कृत्य ने पूरे हिंदू समाज को आहत किया है.
गौरतलब है कि जून 2022 में उदयपुर के हाथीपोल इलाके में दर्जी कन्हैया लाल की उनकी दुकान में हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने धारदार हथियार से उन पर हमला किया था. कहा गया कि कन्हैया लाल ने सोशल मीडिया पर इस्लाम के खिलाफ एक पोस्ट का समर्थन किया था, जिससे आरोपी नाराज थे. इस घटना की जांच एनआईए कर रही है. इसी मामले पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ हाल ही में सिनेमाघरों में रिलीज हुई, जिसने नए सिरे से विवाद खड़ा कर दिया है.