जोधपुर जिले से आई यह खबर न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि समाज को झकझोर देने वाली भी है. सर्नाडा गांव में रहने वाली स्कूल लेक्चरर संजू बिश्नोई ने शुक्रवार दोपहर अपनी मासूम बेटी यशस्वी के साथ पेट्रोल डालकर खुद को आग के हवाले कर दिया. जहां बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं संजू ने शनिवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने पति, सास-ससुर और एक अन्य व्यक्ति पर दहेज और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
जानकारी के अनुसार शुक्रवार दोपहर संजू बिश्नोई स्कूल से घर लौटीं. घर पर उस समय उनका पति और ससुराल के अन्य सदस्य मौजूद नहीं थे. उन्होंने कुर्सी पर बैठकर खुद और बेटी पर पेट्रोल उड़ेल दिया और आग लगा ली. कुछ ही पलों में लपटों ने दोनों को अपनी चपेट में ले लिया. पड़ोसियों ने धुआं उठता देखा और तुरंत पुलिस व परिवार को सूचना दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. यशस्वी की मौके पर ही मौत हो गई और गंभीर रूप से झुलसी संजू को अस्पताल ले जाया गया, जहां शनिवार सुबह उन्होंने भी दम तोड़ दिया.
पुलिस ने घटनास्थल की जांच की और फॉरेंसिक टीम की मदद से सबूत जुटाए. इस दौरान संजू का सुसाइड नोट बरामद हुआ. उसमें संजू ने पति दिलीप बिश्नोई, सास, ससुर और ननद के अलावा गणपत सिंह नामक एक व्यक्ति पर भी उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप लगाए. पुलिस सूत्रों के अनुसार गणपत सिंह और संजू के पति दोनों मिलकर उसे शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करते थे. पुलिस अब इस व्यक्ति की भूमिका की जांच कर रही है.
संजू के मायके वालों ने पति और ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है. संजू के पिता ओमाराम बिश्नोई ने दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. साथ ही मोबाइल फोन और अन्य सामान जब्त कर लिया गया है.
शनिवार सुबह संजू की मौत के बाद उसके मायके और ससुराल पक्ष के बीच शव को लेकर विवाद हो गया. हालांकि पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव मायके वालों को सौंप दिया. मां और बेटी का अंतिम संस्कार साथ-साथ किया गया. इस घटना से गांव और आसपास के इलाकों में गहरा आक्रोश है और लोग दहेज प्रथा पर सवाल उठा रहे हैं.