Mig 21 last flight: मिग-21 फाइटर जेट ऑपरेशनल रोल एक महीने के बाद खत्म हो जाएगा. इंडियन एयर फोर्स से मिग-21 की विदाई होने वाली है. सोमवार को इंडियन एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने आखिरी बार मिग- 21 उड़ाया. पिछले हफ्ते राजस्थान के नाल एयरफील्ड से एयरफोर्स चीफ ने इसमें उड़ान भरी थी.
वर्तमान में मिग-21 की केवल दो स्क्वॉड्रन बची हैं, जो राजस्थान के नाल एयरफील्ड पर तैनात हैं. अगले महीने चंडीगढ़ में एक विशेष समारोह में इन विमानों को औपचारिक रूप से विदाई दी जाएगी, जिसके बाद यह विमान ऑपरेशनल सेवाओं से पूरी तरह हट जाएंगे.
#WATCH | Nal Air Base, Bikaner, Rajasthan: Ahead of the official retirement of the MiG-21 fighter planes, Chief of the Air Staff, Air Chief Marshal AP Singh and pilots take a few sorties in the aircraft. pic.twitter.com/VHulY3ObHE
— ANI (@ANI) August 25, 2025
एयर चीफ मार्शल ने भरी उड़ान
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के लिए मिग-21 का विशेष महत्व है. 1985 में उन्होंने इसी विमान में अपनी पहली ऑपरेशनल उड़ान भरी थी, और अब, चार दशक बाद, उन्होंने इसे अलविदा कहने के लिए फिर से उड़ान भरी. इस खास मौके के लिए उन्होंने पूरी तैयारी की. पहले दिन उन्होंने मिग-21 की पढ़ाई दोहराई, फिर ट्रेनर के साथ ड्यूल फ्लाइंग की, और अंत में सोलो उड़ान भरी. दूसरे दिन उन्होंने अकेले मिग-21 को उड़ाया, जिसमें एक ट्रेनिंग उड़ान और तीन से चार सोलो उड़ानें शामिल थीं. प्रत्येक उड़ान करीब 40 मिनट की थी. यह न केवल उनके लिए एक भावनात्मक क्षण था, बल्कि वायुसेना के लिए भी एक ऐतिहासिक पल था.
मिग-21 का योगदान
मिग-21 ने भारतीय वायुसेना को कई ऐतिहासिक जीत दिलाई. 1971 के भारत-पाक युद्ध में इसकी तेज गति और चुस्ती ने दुश्मन के विमानों को धूल चटाई थी. यह विमान न केवल युद्ध के मैदान में प्रभावी था, बल्कि नए पायलटों को प्रशिक्षित करने में भी इसका योगदान अतुलनीय रहा. हालांकि, समय के साथ तकनीक में प्रगति और नए आधुनिक विमानों के आने के बाद मिग-21 को अब सेवानिवृत्त करने का निर्णय लिया गया है.