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India Daily

पंजाब पुलिस ने अमृतपाल की टिंडर से मांगी जानकारी, सांसद के अकाउंट का हत्याकांड से लिंक का शक! 'वारिस पंजाब दे' से जुड़ा था गुरप्रीत

पंजाब पुलिस ने सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह हरि नौ की हत्या मामले की जांच के तहत जानकारी मांगी है, जिनकी पिछले साल गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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Edited By: Mayank Tiwari
Radical preacher and Khadoor Sahib MP Amritpal Singh.
Courtesy: Social Media

पंजाब पुलिस ने डेटिंग ऐप टिंडर से कट्टरपंथी उपदेशक और खडूर साहिब सांसद अमृतपाल सिंह से संदिग्ध रूप से जुड़े एक खाते की जानकारी मांगी है. यह कदम सिख कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह हरि नौ की हत्या की जांच के तहत उठाया गया है. गुरप्रीत सिंह को पिछले साल 9 अक्टूबर को गांव के गुरुद्वारे से मोटरसाइकिल पर घर लौटते समय गोली मार दी गई थी. गुरप्रीत सिंह, अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाले कट्टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्य थे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने अक्टूबर में दावा किया था कि गुरप्रीत सिंह की हत्या कथित तौर पर अमृतपाल सिंह के इशारे पर हुई थी. अमृतपाल सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत जेल में हैं. पुलिस ने इस मामले में अर्श डल्ला गिरोह के तीन सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है, जिन्हें डीजीपी गौरव यादव के अनुसार इस हत्या के मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है.

टिंडर से मांगी गई जानकारी

पीटीआई समाचार एजेंसी द्वारा प्राप्त 26 मई के पत्र के अनुसार, पंजाब पुलिस ने ‘अमृत संधू’ नाम के टिंडर खाते की जानकारी मांगी है, जो अमृतपाल सिंह से संदिग्ध रूप से जुड़ा हुआ माना जा रहा है. पुलिस ने टिंडर को बताया, “जांच के दौरान, ‘अमृत संधू’ नाम का एक टिंडर खाता (स्क्रीनशॉट संलग्न) सामने आया है, और यह खाता अमृतपाल सिंह से जुड़ा होने का संदेह है, जो उक्त एफआईआर में आरोपी है.” पत्र में आगे कहा गया, “इस खाते के डेटा और संचार का विश्लेषण जांच एजेंसी को एफआईआर से संबंधित साक्ष्य प्रदान कर सकता है.”

मामले की तफ्तीश में जुटी पंजाब पुलिस

पुलिस ने टिंडर से खाते के ग्राहक विवरण, नाम, जन्म तिथि, फोन नंबर, स्थान की जानकारी और 1 जनवरी 2019 से आईपी एड्रेस लॉग मांगे हैं. इसके अलावा, सभी जुड़े ईमेल आईडी, फोन नंबर, अपलोड की गई तस्वीरें और मीडिया फाइलें, मित्र/संपर्क सूची, आपसी मिलान, चैट इतिहास और टिंडर मंच के माध्यम से आदान-प्रदान किए गए संदेशों सहित अन्य विवरण भी मांगे गए हैं.