चंडीगढ़: पंजाब की सबसे प्रदूषित समझी जाने वाली बुड्ढा दरिया अब इतिहास बन चुकी है.राज्यसभा सांसद और पर्यावरण योद्धा संत बलबीर सिंह सीचेवाल की अगुवाई में संगत ने सिर्फ एक साल में वह कर दिखाया जो पिछले 50 सालों में कोई सरकार नहीं कर पाई – नदी का पानी इतना साफ हो गया है कि उसमें किश्तियां तैरने लगी हैं, मछलियां लौट आई हैं और किनारों पर पक्षी चहचहाने लगे हैं.“
संत सीचेवाल ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, “लुधियाना की पवित्र बुड्ढा दरिया जो कलंक बन चुकी थी, उसका एक बड़ा हिस्सा आज नए रूप में सांस ले रहा है.संगत ने एक साल में टनों कचरा निकाला, किनारे साफ किए, पौधे लगाए.आज वहीं किश्ती चल रही है जहाँ कभी खड़ा होना भी मुश्किल था.यह संगत की शक्ति और भगवंत मान सरकार के सहयोग का नतीजा है.”
संत जी ने साफ कहा, “हमने कोई सरकारी ठेका नहीं लिया, कोई करोड़ों का टेंडर नहीं करवाया.बस संगत को साथ लिया और हाथ से गंदगी निकालने लगे.हजारों स्वयंसेवक हर रविवार आते हैं.यह असली जनभागीदारी है – यही आम आदमी पार्टी का मॉडल है.”मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने संत सीचेवाल को सलाम करते हुए कहा,"संत जी ने दिखा दिया कि जब जमीन से जुड़ा नेता और ईमानदार सरकार साथ आएं तो नदियाँ भी जिंदा हो सकती हैं.हमने नए STP प्लांट लगाए, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर ताले डलवाए – अब संत जी का श्रम रंग ला रहा है.”
शेरपुर की बुजुर्ग प्रकाश कौर (आँखों में आँसू): “मैंने बचपन में इस नदी में नहाया था.आज संत जी ने वो दिन लौटा दिए.”
जगरांव रोड के गुरमीत सिंह: “पहले बदबू से खिड़कियाँ बंद रखनी पड़ती थीं.आज बच्चे किनारे खेल रहे हैं.”
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. हरप्रीत सिंह ने कहा, “बुड्ढा दरिया में मछलियों और पक्षियों की वापसी यह साबित करती है कि पानी अब ऑक्सीजन युक्त हो रहा है.यह भारत का सबसे सफल जन-आंदोलन आधारित नदी पुनर्जनन प्रोजेक्ट है.”
संत जी ने पंजाबियों से हाथ जोड़कर कहा, “हमने नदी को जिंदा किया है.अब आप सबकी जिम्मेदारी है कि प्लास्टिक, कचरा या केमिकल न फेंकें.एक-एक बूंद पानी पवित्र है.यह अभियान अभी शुरू हुआ है – पूरा सफर अभी बाकी है.”बुड्ढा दरिया का यह पुनर्जन्म सिर्फ एक नदी की कहानी नहीं – यह साबित करता है कि जब जनता, संत और सरकार एक साथ खड़ी हो तो पंजाब की हर नदी फिर से कल-कल बह सकती है.