यह घटना 6 सितंबर की आधी रात की है, जब दंपति उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से अपने गांव सीधी लौट रहे थे. वे सिंगरौली स्टेशन पर ट्रेन बदलने के लिए रुके थे. इसी दौरान महिला के पति कुछ सामान लेने गए और महिला शौचालय की ओर बढ़ी, जहां आरोपी ने उसे अकेला पाकर दरिंदगी की. मामले ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि महिला पुलिसकर्मियों की अनुपलब्धता को भी उजागर किया है.
पुलिस के मुताबिक घटना सिंगरौली रेलवे स्टेशन पर हुई, जो उस समय लगभग सुनसान था. 22 वर्षीय स्थानीय युवक देवलाल साकेत ने महिला को शौचालय के पास रोक लिया और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. घटना के दौरान आरोपी ने अपना नाम भी बता दिया और यहां तक कह दिया कि कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता. महिला किसी तरह बाहर निकली और पति के साथ तुरंत नजदीकी पुलिस चौकी पहुंची, लेकिन वहां महिला अधिकारी न होने के कारण शिकायत दर्ज नहीं हो सकी.
स्थानीय चौकी से दंपति को कटनी जीआरपी भेजा गया, जो सिंगरौली से करीब 300 किलोमीटर दूर है. वहां भी महिला अधिकारी की कमी थी. इसके बाद जबलपुर जीआरपी की स्टेशन प्रभारी संजीवनी राजपूत खुद कटनी पहुंचीं और पीड़िता का बयान दर्ज किया. उन्होंने बताया कि रविवार सुबह महिला का बयान लेकर केस दर्ज किया गया और आरोपी की तलाश शुरू की गई.
शिकायत दर्ज होते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भावना मरावी और जांच अधिकारी संजीवनी राजपूत के नेतृत्व में जीआरपी टीम सिंगरौली पहुंची. पुलिस ने छापेमारी कर आरोपी देवलाल साकेत को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. अगले दिन उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस का कहना है कि आगे की जांच तेजी से की जा रही है ताकि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिल सके.
यह मामला कई गंभीर सवाल खड़े करता है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि महिला पुलिस अधिकारी की अनुपलब्धता के कारण पीड़िता को 300 किलोमीटर दूर जाकर शिकायत क्यों दर्ज करानी पड़ी. ऐसी लापरवाही न केवल पीड़ितों के लिए मुश्किलें बढ़ाती है बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्टेशन और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.