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'आपदा में किसी का बस, 'बागेश्वर धाम हादसे पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दी प्रतिक्रिया-VIDEO

आचार्य शास्त्री ने भक्तों से धैर्य बनाए रखने का अनुरोध किया है और कहा है कि जल्द ही नए कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी. बागेश्वर धाम की यह घटना भले ही दुखद रही, लेकिन आचार्य और उनके अनुयायियों का हौसला कम नहीं हुआ है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Acharya Dhirendra Shastri
Courtesy: Social Media

 मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित प्रसिद्ध बागेश्वर धाम में भारी बारिश और तूफान के कारण टेंट गिरने की घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया. इस घटना पर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी प्रतिक्रिया दी और स्थिति को स्पष्ट किया. दरअसल, बागेश्वर धाम में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान अचानक आई तेज बारिश और आंधी-तूफान ने बड़ा हादसा पैदा कर दिया. जहां इस हादसे में एक शख्स की मौत हो गई है.

न्यूज एएनआई से बातचीत में  प्रसिद्ध बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा, “भारी बारिश और तूफान के कारण यह हादसा हुआ और सभी कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा. जो कुछ भी कल हुआ, उस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं था.” उनकी यह बात प्रकृति की अनिश्चितता को दर्शाती है, जिसके आगे मानव प्रयास सीमित हो जाते हैं.

सभी कार्यक्रम रद्द

इस अप्रत्याशित हादसे के बाद बागेश्वर धाम में होने वाले सभी धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है. आचार्य शास्त्री ने भक्तों और श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने और स्थिति को समझने की अपील की है. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा के और बेहतर इंतजाम किए जाएंगे, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके.

भक्तों की सुरक्षा सर्वोपरि

बागेश्वर धाम, जो देशभर से लाखों श्रद्धालुओं का आकर्षण केंद्र है. उसमें इस तरह की घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है. आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा भक्तों की सुरक्षा और सुविधा रही है. इस घटना के बाद प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने मौसम की स्थिति पर नजर रखने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का फैसला किया है.

आगे की योजना

आचार्य शास्त्री ने भक्तों से धैर्य बनाए रखने का अनुरोध किया है और कहा है कि जल्द ही नए कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी. बागेश्वर धाम की यह घटना भले ही दुखद रही, लेकिन आचार्य और उनके अनुयायियों का हौसला कम नहीं हुआ है.